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प्रथम खण्ड
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जेल से मुक्त होने के बाद आप जयपुर राज्य में के छात्र सीना तानकर सामने आ गये और कहा कि प्रजातंत्रात्मक सरकार की स्थापना के लिए प्रयत्नशील 'पहले हमारी छाती पर गोली मारो फिर हमारे डिक्टेटर रहे। 1945 में भंडारी जी विधान सभा के लिए चुने को मारना।' इस पर पुलिस व अधिकारियों के पैर गये और वहां प्रजामण्डल दल का कुशल नेतृत्व किया। उखड़ गये और सभा में 'भारत छोड़ो' का प्रस्ताव पास 1947 में तत्कालीन जयपुर सरकार के मंत्रिमण्डल हुआ। किन्तु 23 अगस्त 1942 को आपको गिरफ्तार में सदस्य के रूप में विकास एवं रसद विभाग का कर लिया गया व 6 माह के कारावास की सजा दी कार्य संभाला। 1952 में वे जयपर निर्वाचन क्षेत्र से गई। 1943 में भी श्री जैन ने हथगोला फेंककर डाक लोकसभा के लिए कांग्रेस के टिकट पर भारी बहुमत बंगला जला दिया था और इस केस में भी ढाई वर्ष से चुने गये। 1955 में आप वकील से न्यायाधीश बने नजरबंद रहना पड़ा था।
और 1968 में राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाध देश की आजादी के बाद आप विनोबा जी के शि नियुक्त हुए। 1969 में भारत सरकार द्वारा कृष्णा भूदान व सर्वोदय से जुड़ गये। आपके अनुज श्री गोदावरी ट्रिब्यूनल में न्यायाधीश बने। भूमि सुधार कानून राजकुमार जैन भी डाक बंगला जलाने के अभियोग में सुधार करने के लिए राजस्थान सरकार ने आपकी में लगभग 5 माह सेन्ट्रल जेल आगरा में रहे। अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था। आपके आO-(1) जै) स) रा0 अ0 (2) उ0 प्र) जै) 40, पृष्ठ-91 विचार सदैव क्रान्तिकारी रहे हैं।
(3) 'अमृत' स्मारिका, पृष्ठ-24 (4) जै0 से0 ना0 अ0, पृष्ठ-3 आ) (1) रा) स्व0 से), पृष्ठ-566
श्री धन्नालाल गुढ़ा श्री धनवन्त सिंह जैन
श्री धन्नालाल गुढा, पुत्र- श्री मूलचंद गुढ़ा का 'सरदार' नाम से विख्यात फिरोजाबाद (उ0प्र0)
जन्म 25-1-1914 को ललितपुर (उ0 प्र0) में हुआ। के श्री धनवन्त सिंह जैन, फिरोजाबाद नगर में
अपने ओजस्वी भाषणों से जनता में आजादी की भावना आन्दोलन के प्रमुख नेता पं0 रामचन्द्र पालीवाल के
फैलाने वाले गुढ़ा जी हड़तालें करवाने में अगुआ रहे अनन्य सहयोगी थे। श्री जैन कांग्रेस के जुलूसों का
थे, विद्रोहात्मक गतिविधियों के कारण आप शासन के
सिर दर्द बन गये थे। 1942 के आन्दोलन में आपकी नेतृत्व घोड़ी पर बैठकर, झण्डा फहराते हुए करते थे। 1941 के व्यक्तिगत सत्याग्रह में आप होली की पूर्णिमा
गिरफ्तारी डी0 आई0 आर0 के अन्तर्गत हुई, जिसमें के दिन गिरफ्तार किये गये और एक वर्ष दो माह जेल
। वर्ष का कठोर कारावास तथा 100 रुपया का अर्थ
दण्ड हुआ। आजादी के उपरान्त आप समाजवादी पार्टी में रखे गये।
के सक्रिय कार्यकर्ता बन गये थे। साथ ही अनेक ___) अगस्त 1942 को जब सारा देश 'भारत छोड़ो
धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं के भी सक्रिय आन्दोलन' में कूद पड़ा तब फिरोजाबाद अछूता कैसे
कार्यकर्ता हो गये थे। रहता. उस दिन एस0 आर0 के) कालेज के विद्यार्थियों
आO-(1) र0 नी0, पृष्ठ-33 (2) जै0 स0 रा) अ) का जुलूस सिनेमा के सामने होता हुआ गलैया पहुंचा।
(3) डॉ0 बाहुबली कुमार जैन द्वारा प्रेषित परिचय जुलूस पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। श्री जैन र डिक्टेटर थे, उन्होंने अनाज की मण्डी मे बनी प्याऊ
श्री धन्नालाल जैन पर चढकर झण्डा फहरा दिया। एंग्लो इण्डियन मजिस्ट्रेट ग्राम-बकौरी, पोस्ट-फूलसागर, जिला-मण्डला ने श्री जैन की ओर पिस्तौल तान दी, इस पर कालेज (म0प्र0) के श्री धन्नालाल जैन, पुत्र-श्री बलदेव
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