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प्रथम खण्ड
211 जबलपुर (म0प्र0) में हुआ। आपने मैट्रिक तक 1938-39 के आते-आते नेमीचंद जी प्रजामण्डल शिक्षा प्राप्त की। भारत छोड़ो आन्दोलन में आपने की गतिविधियों में सक्रिय हो गये। तत्कालीन होल्कर सक्रिय भाग लिया और 12 अगस्त 1942 से 20 रियासत के जिला मुख्यालय महिदपुर में जिला सितम्बर 1943 तक कारावास में रहे। 26 जनवरी प्रजामण्डल का प्रधान कार्यालय था। प्रजामण्डल के 1947 को आपका स्वर्गवास हो गया।
अधिवेशन के लिये नेमीचंद जी के निवास पर आ0- (!) म0 प्रा) स्व0 सै0, भाग-1, पृष्ठ-68 1941 में एक गुप्त बैठक में महिदपुर में अधिवेशन श्री नेमीचंद जैन
करने का निर्णय लिया गया। लेकिन तत्कालीन श्री नेमीचंद जैन का जन्म 1929 में हुआ था,
होल्कर राज्य के प्रधानमंत्री कर्नल दीनानाथ ने अधि
वेशन प्रतिबंधित कर दिया, जिसका जमकर विरोध आप ग्राम चारूवा, तहसील-हरदा, जिला-होशंगाबाद
किया गया। फलस्वरूप बड़ी संख्या में गिरफ्तारियां (म0प्र0) के मूल निवासी थे। आपके पिता का नाम
हुई और महिदपुर जेल कार्यकर्ताओं से खचाखच भए श्री लालचंद जैन था। 1942 में पूरे देश में राष्ट्रीय प्रेम की भावना जोर पकड़ रही थी। गांधी जी के
गई। दिल्ली से राजकुमारी अमृत कौर महिदपुर आईं
तथा 22 दिन के बाद सत्याग्रहियों को बिना शर्त 'करो या मरो' नारे ने जनता को आंदोलित कर दिया
- शासन ने मुक्त किया। निरंतर प्रयास से 1942 में था। गांव-गांव में क्रांतिकारी क्रांति की ज्वाला को
इन्दौर राज्य प्रजामण्डल का पहला अधिवेशन महिदपुर सुलगा रहे थे। सभी जगह जनता अपने-अपने ढंग से
में सम्पन्न हुआ। अंग्रेजी सरकार का विरोध कर रही थी। तब श्री
1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन की याद नेमीचंद जैन ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया।
करते हुए श्री जैन ने अपने एक साक्षात्कार में प्रसिद्ध आंदोलन में भाग लेने के कारण उन्हें जेल जाना
पत्रकार श्री मौहम्मद आदिल खान को जो बताया था पड़ा। आजादी की इस लड़ाई में वह हमेशा अंग्रेजी
उसके अनुसार उन्हीं दिनों कासलीवाल जी ने स्थानीय सरकार का विरोध करते रहे। वे क्रांतिकारियों का
न्यायालय परिसर में लोगों को एकत्रित कर अंग्रेज साथ देते हुए तोड़-फोड़ की कार्यवाही में भी हिस्सा
हुकूमत के खिलाफ आंदोलन में कूदने हेतु भाषण दे लेते रहे। मार्च 1985 में श्री नेमीचंद जैन का
दिया। उस समय उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया स्वर्गवास हो गया।
लेकिन तीन चार दिन बाद उनके नाम वारण्ट जारी मध्य प्रदेश शासन द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों का
किया गया। गिरफ्तारी के लिये पुलिस घर पहुंची तो सम्मान किया गया। श्री नेमीचंद जैन को ताम्रपत्र
पत्नी श्रीमती ताराबाई भी साथ जाने के लिये अड़ प्रदान किया गया एवं ग्राम टेमलावाड़ी में 8-10
गईं। उस समय वे गर्भवती थीं। जब उन्हें गिरफ्तार एकड़ भूमि प्रदान की गयी।
कर पुलिस वाहन में ले जाया जा रहा था तब रास्ते आ0 (1) श्री शोभाचंद जैन द्वारा प्रेषित परिचय।
में कई साथियों ने उनसे मुलाकात करना चाही। साथ (2) म0 प्र0 स्व0 सै0, भाग-5, पृष्ठ-332
में उपस्थित डी0आई0जी0 श्री दातरे से कासलीवाल श्री नेमीचंद जैन कासलीवाल जी ने निवेदन किया कि वे 'उन्हें वाहन से उतरकर
स्वतंत्रता के महासागर में महिदपुर, जिला-उज्जैन साथियों से मिलने दें', लेकिन उन्होंने इंकार करते (म0प्र0) से हिस्सेदारी निभाने वाले श्री नेमीचंद जैन हुए ड्राइवर से वाहन बढ़ाने को कहा। इतना सुनते कासलीवाल का जन्म 1903 के लगभग हुआ। ही नेमीचंद जी ने वाहन की चाभी खींच ली।
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