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प्रथम खण्ड
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भारत छोड़ो आन्दोलन में आपकी कर्मठता इसी से ज्ञात होती है कि जब लगभग 14 माह का कारावास 1939 में त्रिपुरी कांग्रेस का अधिवेशन हुआ तो डालचंद आपने भोगा। आपने श्री जी ने एक माह तक दमोह में परेड़ की और तीन फूलचन्द जैन व भागचंद जैन हफ्ते तक त्रिपुरी कांग्रेस के स्वयंसेवक सपत्नीक रहे। के साथ झांसी तक पैदल 1940 के दिल्ली चलो आन्दोलन में भी आप सम्मिलित यात्रा की थी और गिरफ्तार हुए थे। हुए थे।
1942 में करो या मरा तथा भारत छोडो आन्दोलन आ) ।।। म प्र) स्व) पै०, भाग--1, पृष्ठ ... 142, प्रारम्भ हुआ और पुलिस अपनी सूची के अनुसार नेताओं (2) ज) सा रा) 0
को पकड़कर जेल भेजने लगी तो आपने बचकर काम
करते हुए रोज नया डिक्टेटर ढूंढकर गांधी चौक की श्री डालचंद जैन
आम सभाओं का संचालन किया। आप सभा प्रारम्भ श्री डालचंद जेन मडावरा (ललितपुर) उ0प्र0 कराकर गायब हो जाते थे, फिर भी पुलिस की निगाहों के निवासी थे, आपके पिता का नाम श्री ठाकुर दास से न बच सके और दि) 19-8-42 की सभा में पकड़ जैन था। 1942 के करो या मरा आन्दोलन में आपने लिए गये तथा नौ माह की सजा भोगी। एक वर्ष की कठोर सजा भगती। आपकी आर्थिक दिनांक 24-7-66 को लम्बी बीमारी के बाद हृदय स्थिति अच्छी नहीं थी। आपकी माता जी अर्थाभाव रोग के कारण आपका निधन हो गया। के कारण स्वयं तिल-तिल आहुति देती रहीं और आ)- (1) म) प्र() स्व) रौ।), भाग--2, पृष्ठ 8.3, (2) श्री पत्र को सदैव देश पर प्राणोत्सर्ग की प्रेरणा देती रहीं। संतोष सिंघई, दमोह, द्वारा प्रेषित परिचय बाद में आप समाजवादी विचारधारा के बन गये।
श्रीमंत सेठ श्री डालचंद जैन आ (I) र) नी11, पृ0 94, (2) जै) स) रा() अ),
पन्ना-दमोह क्षेत्र से लोकसभा के सदस्य रहे, {3) डा0 वाहबलि कुमार द्वारा प्रेषित परिचय
प्रसिद्ध सामाजिक, राजनैतिक कार्यकर्ता, मृदुभाषी, श्री डालचंद जैन
सहिष्णु, सरल हृदय, दमोह (म0प्र0) के श्री डालचंद जैन, पुत्र-श्री
उदारमना श्री डालचंद जैन नन्दीलान का जन्म 1915 में हुआ । आप में राष्ट्रीय
का जन्म ग्यारह सितम्बर भावना इतनी अधिक थी कि जब आप 15 वर्ष के
1928 को सागर (म0प्र0) थे तभी देश की स्वतंत्रता के लिये आजीवन जुटे
में हुआ। आपके पिता रहने की प्रतिज्ञा कर ली थी। नमक कानून और
श्रीमंत समाजभूषण सेठ जंगल कानन तोड़ने के आन्दोलन में आप सम्मिलित
श्री भगवानदास जी अपने रह। उस समय गांधी जी के अहिंसक आन्दोलन की
समय के ख्यात पुरुष रहे हैं, वे स्वाधीनता सेनानियों मारो जनता खिल्ली उडाता था आर काग्रेस का से न केवल गहरी सहानभति रखते थे बल्कि शासन सभाओं का सनना भी नहीं चाहती थी। उस समय के भय को चिन्ता न करते हए उनकी सहायता भी भी दमोह के प्रसिद्ध सेनानी श्री मोदी जी सभाओं
करत थे। की अन्यक्षता करते और डालचंद जी अकेले ही ।
विद्यार्थी जीवन से ही श्री जैन राष्ट्रीय आंदोलन 'झंडा ऊंचा रहे हमारा' राष्ट्रीय गान गाते रहते थे।
में सक्रिय हो गये। 1942 के भारत
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