________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
प्रथम खण्ड
177
अनेक राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं से सम्बद्ध के भतीजे श्री ताजबहादुर महनोत अपने चाचा जी, चाची श्री जैन, विश्व अहिंसा संघ के अध्यक्ष, अखिल जी व उनके पुत्र श्री राजेन्द्रकुमार महनोत के जेल जाने भारतवर्षीय दिगम्बर जैन परिषद् के अध्यक्ष, अखिल पर घर की व्यवस्था हेतु बनारस गये थे, भारतीय बीड़ी उद्योग संघ के कोषाध्यक्ष, अ०भा०दि0 पर स्वाधीनता की ऐसी लगन लगी कि आप भी परिवार जैन तीर्थ क्षेत्र, कमेटी के ट्रस्टी, म0प्र0 तीर्थक्षेत्र कमेटी वालों के साथ जेल में पहुँच गये और के अध्यक्ष, दि) जैन महासमिति के उपाध्यक्ष आदि 1945 में छूटे। पदों पर रहे हैं। आप डा0 हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय
आ()- (1) जै) स) रा. अ0, पृष्ठ-91 सागर के कुल सांसद एवं कार्यकारिणी सदस्य, रेलवे सलाहकार समिति के सदस्य, म0प्र0 चेम्बर आफ
श्री ताराचंद जैन कामर्स के उपाध्यक्ष, गणेशवर्णी संस्कृत महाविद्यालय सागर (म0प्र0) के श्री ताराचंद जैन, पुत्र श्री के अध्यक्ष, म0प्र) स्वतंत्रता संग्राम सैनिक संघ के दयाचंद का जन्म 1920 में हुआ। 1942 के भारत कार्यकारिणी सदस्य आदि अनेक पदों पर भी रहे हैं। छोड़ो आन्दोलन में आपने 6 माह का कारावास भोगा। श्री भगवानदास शोभा लाल जैन चेरिटेबिल ट्रस्ट के
आ) (1) म) प्र) स्वा) से।), भाग-2, पृष्ठ-28 आप अध्यक्ष हैं। आपने अमेरिका, कनाड़ा, इग्लेण्ड, आ पात जर्मनी, हांगकांग, सिंगापुर आदि देशों में सम्पन्न सम्मेलनों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। आप
श्री ताराचंद जैन शान्ति, समन्वय एवं एकता के लिए समर्पित हैं। अमरपाटन, जिला सतना (म0प्र0) के श्री आ) (1) आ) दी), पृ.) 9-10, (2) स्व) पा)
ताराचंद जैन, पुत्र- श्री बलदेव प्रसाद का जन्म 1919
में हुआ। 101 के भारत छोड़ो आन्दोलन में तिरंगा श्री डालिमचंद सेठिया
झण्डा लेकर जुलूस निकालने पर आप गिरफ्तार कर सुजानगढ़ (राजस्थान) के श्री डालिमचंद सेठिया
लिये गये व 6 माह रीवां जेल में कारावास की सजा का राजस्थान के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों में अग्रगण्य
भोगी। स्थान है। आपके पिता श्री मूलचंद सेठिया वैरिस्टर थे।
आ)-(1) म) प्रा) स्व) से), भाग 5, पृष्ठ-262 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन में राष्ट्रनायक श्री जयप्रकाश नारायण और श्री राममनोहर लोहिया ने
श्री ताराचंद जैन फरार होकर आपके निवास पर ही शरण ली थी, सागर (म0प्र0) के श्री ताराचंद जैन, पत्र-श्री फलतः आपको ब्रिटिश शासन का कोपभाजन होना पड़ा मौजीलाल का जन्म 1910 में हुआ। आपने शिक्षा
और 54 दिन का कारावास भोगना पड़ा। कलकत्ता प्राथमिक तक ही ग्रहण कर पाई। 1932 के आंदोलन के मारवाड़ी छात्रसंघ के आप सभापति रहे थे।
में साढ़े पांच माह तथा 1942 के भारत छोड़ा आ) (1) इ) आ) ऑ0, भाग-2, पृ0-399
आन्दोलन में 6 माह का कारावास भागकर आपने श्री ताजबहादुर महनोत
राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वाह किया। उज्जैन (म0प्र0) के स्वाधीनता सेनानी दम्पति
आ) (1) म) प्रा स्त्र) सै। भाग 2, पृ। । श्री सरदारसिंह महनोत और श्रीमती सज्जनदेवी महनोत (2) आ) दी. पा) 45
For Private And Personal Use Only