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स्वतंत्रता संग्राम में जैन जेल यात्रा की । उस समय जेलों में राजनैतिक
मैनपुरी (उ0प्र0) प्रवासी श्री कैदियों के साथ इतना कड़ा व्यवहार किया जाता था
गुणधरलाल जैन, पुत्र-श्री कि 20 सेर ( किलो) अनाज पीसने के बाद भी
वंशीधर जैन का जन्म आपको प्रतिदिन गुनाहखाने में बन्द कर दिया जाता
15 अगस्त 1885 को हुआ। था। 1942 के आन्दोलन में भी आपने एक वर्ष का
श्री जैन को नमक कानून कारावास भोगा।
भंग आंदोलन में भाग लेने आ) (1) जै0 स0 रा) अ।
के कारण एक वर्ष का कठिन श्री गनेशीलाल जी 'बाबा'
कारावास भोगना पड़ा था। आप गांधी इरविन समझौता
होने पर छूट पाये थे। बन्दी जीवन में परिवार की 'बाबा' उपनाम से प्रख्यात श्री गनेशीलाल जी,
, आर्थिक स्थिति बिगड़ गई, फलतः कायमगंज का मकान बीना (म0प्रा0) निवासी थे। 1940 के व्यक्तिगत सत्याग्रह
भी बेच देना पड़ा। इतने पर भी आर्थिक स्थिति नहीं में आप तीन बार जेल गये। बीना के आप प्रमुख कांग्रेस
सुधरी तो सपरिवार बम्बई प्रवास के लिए बाध्य होना कार्यकर्ताओं में एक थे। लगातार जेल यात्रा ने आपका
पड़ा, वहाँ भी चार वर्ष जीवन के लिए संघर्ष करने स्वास्थ्य चौपट कर दिया। तीसरी बार जेल से रिहा
पर कोई स्थाई साधन न जुटा सके और कुरावली 1942 होने के थोड़े ही दिन बाद हृदयगति अवरुद्ध हो जाने
में वापिस आना पड़ा। 'जैन सन्देश, राष्ट्रीय अंक' के कारण आपका स्वर्गवास हो गया।
लिखता है कि- 'उस समय इनके बच्चे बहत छोटे आ0-(1) श्रद्धेय प0 वंशीधर जी द्वारा प्रेषित परिचय।
थे, घर में इनके अतिरिक्त कमाने वाला कोई नहीं था, (2) जै0 स) रा0 अ0
फिर भी सबकी उपेक्षा करते हए अपने हृदय में उठते श्री गप्पूलाल उर्फ उमरावमल आजाद हुए उद्गारों को न रोक सके, इस पर भी सरकार ने
जयपुर (राजस्थान) के श्री गप्पूलाल उर्फ इन पर 100 रु0 जुर्माना और कर दिया, जो इनकी उमरावमल आजाद का जन्म अगस्त 1928 में हुआ। स्थिति के बाहर की चीज थी। इस बीच काफी कर्ज 14 वर्ष की उम्र में आजाद जी ने आन्दोलन में भाग बढ़ गया और विवश होकर इन्हें अपना एक मकान लेना प्रारम्भ किया। पर्चे बांटना, बुलेटिन घर-घर भी बेच देना पड़ा।' 17 मई 1969 को आपका निध पहुंचाना उनके प्रमुख कार्य थे। एक दिन पुलिस ने न हो गया। इतना पीटा कि सदैव के लिए उनके दायें हाथ और आपके पुत्र श्री देशदीपक जैन, 1942 के बाएं पैर की हड्डी टूट गई। उन्हें अपने स्कूल से आंदोलन में जेल गये थे, जिनका परिचय इसी ग्रन्थ भी निकाल दिया गया। आजाद जी आगरा, इन्दौर, में अन्यत्र देखें। रतलाम कोटा आदि में क्रान्तिकारियों के सम्पर्क में आ0- (1) जै0 स0, रा0 अ0 (2) उ0प्रा) जै0 40 भी रहे थे।
पृ०-93 (3) पुत्र श्री देश दीपक जैन द्वारा प्रेषित परिचय। आO-(1) रा० स्व0 से0, पृ0-603
श्री गुलझारीलाल जगाती श्री गुणधरलाल जैन 'निर्भय'
'नेताजी' उपनाम से प्रसिद्ध श्री गुलझारीलाल 'निर्भय' उपनामधारी, कायमगंज, जिला- जगाती का जन्म वैशाख सुदी पंचमी, संवत् 1972 फरुक्खाबाद (उ0प्र0) निवासी और कुरावली, जिला (1915 ई0), को टड़ा, तहसील-देवरी, जिला-सागर
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