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प्रथम खण्ड
सरकार गिरफ्तार न कर सकी। 1946 में सम्पन्न 'अखिल भारतीय युवक सम्मेलन' के आप संयोजक तथा स्वागताध्यक्ष थे। इस सम्मेलन का उद्घाटन कांग्रेस अध्यक्ष डॉ() पट्टाभिसीतारामैया ने किया था। आप 1948 में पंडित जी एवं श्री रफी अहमद किदवई की प्रेरणा से निर्मित 'अखिल भारतीय युवक कांग्रेस' के भी स्वागताध्यक्ष थे।
रूस में सम्पन्न विश्व युवक महोत्सव में पं() जवाहर लाल नेहरू की प्रेरणा से भारत युवक समाज का एक प्रतिनिधि मण्डल भी गया था, जिसमें बानाईत जी भी थे। आप हंगरी और पोलेण्ड के युवकों के निमन्त्रण पर इन देशों में गये और भारत की सांस्कृतिक परम्परा को विशद् रूप से प्रस्तुत किया। आप सौंसर क्षेत्र जनपद पंचायत के अध्यक्ष रहे हैं। 'जनतन्त्र' (पाक्षिक पत्रिका) नागपुर के सम्पादक मण्डल के सदस्य भी आप रह चुके हैं लोकसेवा संघ के संयोजक के रूप में भी आपने काम किया है।
आ) - ( ! ) स्व) प), (2) श्री रतन चंद जैन जबलपुर द्वारा प्रदत्त परिचय
श्री चन्द्रसेन जैन 'नेताजी'
'नेताजी' उपनाम से विख्यात, भिण्ड (म0प्र0) के श्री चन्द्रसेन जैन का जन्म पिता श्री ललित बिहारी एवं माता श्रीमती रामश्री की बगिया में 1-1-1926 को हुआ। आप विद्यार्थी काल में ही पढ़ाई छोड़कर आन्दोलन में कूद पड़े, फलत: शिक्षा का क्रम टूट गया। आप ग्वालियर सार्वजनिक सभा स्टेट कांग्रेस
के कार्यकर्ता बन गये।
1942 में प्रदर्शन के समय लाठी चार्ज में आपके बायें पैर के घुटने की हड्डी टूट गई, आप पकड़े गये। थाने में पुलिस ने गांधी टोपी उतारने का आदेश दिया,
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पर आजादी के दीवाने ऐसे आदेशों की परवाह कहाँ करते, आपने टोपी नहीं उतारी, जिस पर पुलिस ने पिटाई की, शरीर पर चोटें आई, जिनके निशान आज भी हैं। कम उम्र होने के कारण आपको छोड़ दिया गया, बाद में आप भूमिगत रहकर कार्य करते रहे। आपके साथियों में श्री अमर सिंह एवं रघुवीर सिंह कुशवाह के नाम प्रमुख
आप सोशलिस्ट पार्टी भिण्ड के नगरमंत्री, दिगम्बर जैन मंदिर परेट के अध्यक्ष, दिगम्बर जैन पार्श्वनाथ मंदिर के मंत्री आदि पदों पर हैं। प्रमुख समाज सेवी हैं। म०प्र० शासन ने आपको सम्मानित किया है।
आ)- (1) स्व० प० तथा प्रमाण पत्र
श्री चम्पालाल फूलफगर
लाडनूँ नगरपालिका के जन्मदाता श्री चम्पालाल फूलफगर का जन्म 27 दिसम्बर 1905 को लाडनूँ (राजस्थान) के एक ओसवाल परिवार में हुआ। वे बचपन से ही सार्वजनिक कार्यों में भाग लेने लगे थे। लाडनूँ में निर्वाचित नगर परिषद् की स्थापना करवाने में उन्होंने अथक परिश्रम किया था। मारवाड़ लोकपरिषद् की स्थापना के बाद वे परिषद् के सदस्य बन गये और उसकी संगठनात्मक प्रवृत्तियों में भाग लेने लगे। वे लोकपरिषद् के आन्दोलन में भाग लेने की तैयारी कर चुके थे कि अकस्मात् 21 अक्टूबर 1942 को उनका देहावसान हो गया । लाडनूँ के एक मार्ग का नाम उन्ही के नाम पर 'चम्पालाल फूलफगर मार्ग' रखा गया है।
आ) (1) रा) स्व0 से), पृ0-717
श्री चाँदमल चोरड़िया
अन्याय के विरुद्ध जन्मजात बागी श्री चाँदमल चोरड़िया का जन्म 1874 में आगरा (उ0प्र) में हुआ। आपके पिता का नाम बाबू गुलाबचंद था, जो आगरा में जवाहरात का व्यवसाय करते थे और जिनकी फर्म
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