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- स्वतंत्रता संग्राम में जैन मैं भी जवाब देने वाला था पर लोगों ने रोक दिया। प्रेम से सम्बन्धित सहस्राधिक कवितायें छपी। एक इसके बाद सभा भंग कर दी गई। उन दिनों मेरे मित्र गीत की कुछ पंक्तियां इस प्रकार हैंव सहयोगी भूमिगत थे।
'जेल गांधी गये हैं हमारे लिये , मेरे मित्र पं0 जुगलकिशोर उन दिनों अक्सर मेरे
फिक्र हमको भी उनके छुड़ाने की है। यहां ठहरा करते थे। एक रोज जब वह मेरे यहां थे तो
दिल में सच्ची लगन देश की हो लगी किसी ने इसकी सूचना पुलिस को दे दी। हम लोगों
क्या उल्फत फकत मुंह दिखाने की है।। को पुलिस के आने का पता लगा तो हम लोगों ने
चक्र चलता है तो उसको चलने भी दो, सभा करके जुलूस निकाल कर गिरफ्तार होने की
फिक्र हमको तो चर्खा चलाने की है। योजना बनाई। एक घंटे में सभा स्थल भर गया,
काम कुछ तो करो देश के वास्ते, भाषण होने लगा। पुलिस आई और सभा रोककर, हम
कोई सूरत तो फिर मुंह दिखाने की हो।।' सबको गिरफ्तार कर पुलिस चौकी ले गई। जनता ने
आ)- (1) जै0 सा) रा) अ), (2) स्व) पर) पुलिस पर पत्थर बरसाना शुरू कर दिया। पुलिस ने भी डंडे संभाले, कई पुलिस वालों और जनता को भी श्री गुलाबचंद जैन 'हलवाई' चोटें आयीं, पुलिस ने मुझे मुखिया बनाकर कुछ और। 'हलवाई' उपनाम से विख्यात श्री गुलाबचंद आदमियों के साथ चालान कर दिया और अंत में इस जैन, पुत्र-श्री वृन्दावन का जन्म 1920 में पिण्डरई, केस में मुझे 6 माह का कारावास और 50 रु0 जिला- मण्डला (म0प्र0) में हुआ। 1940 के व्यक्तिगत
सत्याग्रह में आपने सक्रिय भाग लिया पर गिरफ्तार अर्थदंड हुआ। जेल में रस्सी बटना, चक्की पीसना आदि काम करना पड़ता था।'
नहीं किये जा सके, पर 1942 के आन्दोलन में
तोड़-फोड़ करने के कारण आप गिरफ्तार कर लिये __अपना एक संस्मरण आपने इस प्रकार लिखा
गये और 2 वर्ष 4 माह का कारावास भुगतना पड़ा। है-'एक रात जब मैं सागर जेल में था, आधी रात को
आपके अग्रज श्री मुलायम चंद जैन भी 2 सित) जेल में खलबली मच गयी, कारण यह था कि
1942 से । मार्च 1943 तक जेल में रहे। गढ़ाकोटा से दो बसें भरकर सत्याग्रही आये थे, उनको
आ) (1) म0 प्र0 स्व0 सै), भाग-1, पृष्ठ-206, जगह बनानी थी। कपड़ों का इंतजाम करना था। (2) जै0 स0 10 10 जैसे-तैसे सब हआ। सत्याग्रहियों में जैन लोग ज्यादा
श्री गुलाबचंद सिंघई थे, सब अपने साथ लोटा और पानी छानने का छन्ना
दमोह (म0प्र0) के श्री गुलाबचंद सिंघई, लिये हुये थे। (बुन्देलखण्ड में यह परम्परा अब भी
पुत्र-श्री राजाराम का जन्म 1923 में हुआ। आपने विद्यमान है) कुछ ही देर में सबको छोड़ दिया गया
___ माध्यमिक तक शिक्षा ग्रहण की। आप विद्यार्थी
। क्योंकि सागर जेल में जगह ही नहीं थी उस दिन जेल जीरो
ल जीवन से ही स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय हो गये थे में बड़ा हो-हल्ला हुआ।'
1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन में जबलपुर और वैद्य जी कवि हैं अतः आपका ओजपूर्ण सागर में 9 माह 10 दिन का कारावास तथा 50/ गायन लोगों में राष्ट्रीय गीत की तरह गूंजने लगता था। रुपये का अर्थदण्ड आपने भोगा। उस समय अनेक पत्र-पत्रिकाओं में आपकी राष्ट्रीय आ)-(1) म0 प्र) स्व0 सै), भाग 2 , पृष्ठ 8।
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