________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
134
स्वतंत्रता संग्राम में जैन श्रीमती केशरबाई
में सक्रिय हो गये थे। 20 सितम्बर 1930 को सरसावा श्रीमती केशरबाई का जन्म अक्टूबर 1915 में में कांग्रेस कान्फ्रेंस का आयोजन किया गया। उसको हुआ था। आपके पति श्री मोतीलाल जैन ललितपर सफल बनाने में श्री झुम्मनलाल, दीपचंद, जम्बूप्रसाद (उ0प्र0) निवासी थे। स्वतंत्रता आन्दोलन के महान जैन एवं आपने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। कांग्रेस कार्य में जहां किशोरों-नौजवानों ने अपना योगदान किया सम्मेलन की सारी तैयारी हो गई तब 19-9-1930 वहां ललितपर की यह नारी-नारी जाति के लिए गौरव का सरकार ने दफा 144 लागू कर सम्मलन न किय बनीं। 1936 में गांधी जी की प्रेरणा से वे रणक्षेत्र में जाने की घोषणा कर दी, तो कान्फ्रेन्स का स्थान जमना कूद पड़ी। ऐसी उम्र में जब नारी केवल भंगार एवं के पुल पर निर्धारित किया गया, परन्तु जत्थे और घर की चार दीवारी तक ही सीमित रहती थी, केशरबाई -
सत्याग्रही 20 सित) को सरसावा में एकत्रित हो गये। लोकलाज भारत-माता के चरणों में अर्पित कर,
सम्मेलन न होने देने के लिए जमीदारों और हरिजनों
की सहायता से सम्मेलन में भाग लेने वालों की पिटाई समाज के बन्धन तोड़ कर, नारी-जाति को जाग्रत करने
की गई। तभी एक पुलिस के सिपाही द्वारा वैद्य रामनाथ में जुट गईं। इस नवयौवना को अलख जगाते देख
को यह सूचना मिली कि वैद्य रामनाथ, प्रभुदयाल, नौजवानों को भी आजादी की लड़ाई लड़ने की प्रेरणा
झुम्मनलाल, जम्बूप्रसाद जैन एवं कैलाश चंद जैन को मिली थी।
सामने आने पर गोली मार देने के आदेश हो गये हैं। 1941 के व्यत्तिगत सत्याग्रह में केशरबाई एक
इनमें चार व्यक्ति फरार हो गये, आपको सूचना न मिल माह कारावास में रहीं। आपके पति भी कांग्रेस कार्यकर्ता
पाने के कारण पुलिस ने आपको पकड़कर बहुत मारा, थे। अन्याय के प्रति संघर्ष की आवाज बुलंद करने
आवाज बुलद करन आपको अनेक चोटें आईं। वाले इस दम्पति की कुछ वर्ष पूर्व चोरों ने हत्या कर
आ)- (1) स) स), पृष्ठ ।/176, (2) जैस) रा) अ0, दी थी।
___ (3) उ) प्रा) जै) 40, पृष्ठ-86 आ)- (1) र) नी0, पृ0-39, (2) जै) स) रा) अ, (3) डा) बाहुबली कुमार द्वारा प्रेषित विवरण।
श्री कोमलचंद जैन श्री केशरीमल जैन
श्री कोमलचंद जैन, पुत्र - श्री ईश्वरीप्रसाद जैन
___ का जन्म 1918 में जबलपुर (म0प्र0) में हुआ। 1942 इच्छावर, जिला-सीहोर (म0प्र0) के श्री :
के भारत छोड़ो आंदोलन में आप गिरफ्तार कर लिये केशरीमल जैन, पुत्र-श्री भंवरलाल जैन का जन्म
न गये और 9 माह जेल में रखे गये।
र 1--7-1925 को हुआ। इण्टरमीडिएट, साहित्यरत्न आदि
आ0- (1) म0 प्र0 स्व0 सै0, भाग-1, पृष्ठ-37, उपाधिधारी श्री जैन ने भोपाल विलीनीकरण आन्दोलन (2) स्व0 स0 जा), पृष्ठ-90 में भाग लिया एवं 13-1-49 से 6-2-49 तक कारावास की कठोर यातनायें भोगी।
श्री कोमलचंद जैन आ) (1) म प्र) स्वा) सै), भाग-5, पृष्ठ 39
श्री कोमलचंद जैन, पुत्र-श्री उदयचंद जैन का
जन्म 1930 में जबलपुर (म0प्र0) में हुआ। 1942 श्री कैलाशचंद जैन
के भारत छोड़ो आन्दोलन में 12 वर्ष की आयु में सरसावा, जिला-सहारनपुर (उ0प्र0) वे आपने भाग लिया तथा 20 दिन जबलपुर जेल में काटे श्री कैलाशचंद जैन ने 1942 के आंदोलन में 6 माह आ)- (1) म) प्र) स्व) सै0, भाग-1, पृष्ठ-37, की सख्त कैद भोगी थी। 1930 से ही आप आन्दोलन (2) स्व0 स0 जा), पृष्ठ-9)
For Private And Personal Use Only