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1857
1958
प्रथम खण्ड
उपक्रम : तीन
भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन की कुछ महत्त्वपूर्ण घटनाएँ
प्रथम स्वाधीनता संघर्ष ।
( इस संघर्ष के लिए 31 मई तारीख तय की गई थी, पर सेना द्वारा मेरठ में चरबी वाले कारतूसों को खोलने से मना करने आदि पर 10 मई को ही सशस्त्र विद्रोह प्रारम्भ हो गया । ) (19 जनवरी) अमर शहीद लाला हुकुमचन्द जैन, मिर्जा मुनीर बेग व फकीरचन्द जैन को हांसी में फांसी ।
1858
1858
1885
1889
1898-99
1905
1906
1907
1908
1914-1918
1915
1915
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1919
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(18 जून ) महारानी लक्ष्मीबाई का बलिदान ।
(22 जून) ग्वालियर के खजांची अमरचन्द बांठिया को ग्वालियर के सराफा में नीम के पेड़ पर लटकाकर फांसी ।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की विधिवत् स्थापना (यद्यपि इसकी नींव 1883 में ही रखी जा चुकी थी।) दिसम्बर 1885 में बम्बई में इसका प्रथम अधिवेशन हुआ, जिसमें 72 प्रतिनिधि शामिल हुए।
बम्बई कांग्रेस अधिवेशन में 'होमरूल बिल' या 'होमरूल स्कीम' पास।
चाफेकर बन्धुओं (दामोदर हरि, वासुदेव हरि, बालकृष्ण हरि) को रेंड हल्ला में फांसी । बंग-भंग आन्दोलन ।
मुस्लिम लीग की स्थापना ।
सूरत में सम्पन्न कांग्रेस के अधिवेशन में कांग्रेस, उदारवादी (नरम दल) तथा ग्रवादी (गरम दल) दलों में विभाजित ।
खुदीराम बोस (आयु 16 वर्ष) को फांसी की सजा ।
प्रथम विश्वयुद्ध या महायुद्ध ।
अमर शहीद मोतीचन्द शाह को आरा के महन्त हत्याकाण्ड में फांसी को सता
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महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से वापिस आये। प्रथम महायुद्ध के बीच गांधी जी न युद्ध प्रयासों में अंग्रेजी सरकार की पूरी सहायता की. सरकार ने उन्हें 'कंसरे हिन्द स्वर्णपदक से विभूषित किया।
रोलेक्ट एक्ट, जस्टिस्ट रोलर के सभापतित्व में बना। इस एक्ट के अन्तर्गत देश में आन्तरिक शान्ति बनाये रखने के बहाने अंग्रेज नौकरशाही जिसको चाह, जब तक चाहे, बिना कोई मुकदमा आदि चलाये जेल में डाले रख सकती थी। सरकार को इस दमन नीति ने ही गांधी जी को राजभक्त से विद्रोही बना दिया।