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स्वतंत्रता संग्राम में जैन और बाई जी के तालाब के मसले को लेकर
श्री अमीरचंद जैन आन्दोलन किया। सरकार द्वारा गिरफ्तार कर लेने पर अपनी कविताओं से राष्ट्रीयता की अलख जगाने आपको एक वर्ष परबतसर के किले में रहना पड़ा, वाले, मण्डला (म0प्र0) के श्री अमीरचंद जैन उग्रवक्ता मारवाड़ लोक परिषद् के 1940 के आन्दोलन में और कर्मठ सिपाही रहे हैं। आप अपने अग्रज श्री आप सक्रिय रहे, 1942 के आन्दोलन में आप दो श्यामलाल जी के साथ आन्दोलन में सक्रिय हुए। आशा वर्ष जेल में रहे। जोधपुर की अनेक सामाजिक और थी कि श्यामलाल जी के जेल जाने पर आप शान्त हो राजनैतिक संस्थाओं की स्थापना में आपकी सक्रिय जावेंगे, पर आप नहीं माने। 1941 एवं 1942 के भूमिका रही। देश की आजादी का शीघ्र सपना देखने आन्दोलनों में आपको जेल यात्रायें करनी पड़ीं, 1942 वाले श्रद्धय अभयमल जी आजादी के मात्र एक माह में आप डेढ़ वर्ष जेल में रहे। आप प्रचार सामग्री प्रेस पूर्व जुलाई 1947 में आजादी का भावी जश्न में छापकर दिया करते थे। देशवासियों को छोड़कर पंचतत्त्व में विलीन हो गये। आ0 (1) जै) स0 रा0 अ0 आ) (1) जैन संस्कृति और राजस्थान, पृ0-344
श्री अमीरचंद जैन (2) रा) स्व। स), पा)-6800
जबलपुर (म0प्र0) के श्री अमीरचंद जैन, श्री अभिनंदनकुमार टडैया
पुत्र- श्री कस्तूरचन्द का जन्म 1920 में हुआ। ललितपुर (उ0प्र()) निवासी, प्रसिद्ध टडैया
1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन में होशंगाबाद में
आप बन्दी बना लिये गये। आपने होशंगाबाद तथा परिवार में संट पन्नालाल जी के पुत्र श्री अभिनंदन
अकोला जेल में 2 माह का कारावास भोगा। कुमार टडैया के राष्ट्रीय विचार कॉलेज जीवन से ही रहे हैं।
आ0-(1) म0प्र0 स्व0 सै0, भाग-1 , पृष्ठ 29 1942 के राष्ट्रव्यापी जन
श्री अमीरचंद जैन आंदोलन में सम्मिलित होने बालाघाट (म0प्र0) के श्री अमीरचंद जैन, पुत्र के कारण आप एक वर्ष श्री फदालीलाल जैन का जन्म 1920 में नरसिंहपुर कारावास और 100 रुपये (म0प्र0) में हुआ। दस वर्ष की उम्र में ही आप
| के दंड से दंडित होकर झांसी नमक सत्याग्रह के समय मंडला में स्वाधीनता आन्दोलन जेल में रहे। टडैया जी जिले के प्रसिद्ध वकीलों की ओर आकृष्ट हुए। 1932 में प्रभातफेरी निकालने में से हैं। आप जिला कांग्रेस एवं मंडल कांग्रेस के के आरोप में आपको बेतों की सजा दी गई। 1941 में सदस्य रहे हैं। जैनाजैन जनता पर आपका अच्छा व्यक्तिगत सत्याग्रह में 4 माह की नजरबन्दी तथा प्रभाव है। आप कई संस्थाओं की प्रगति से जुडे 1942 में लगभग 3 वर्ष जबलपुर जेल में आपने हए हैं। आपका जीवन सादा है। सही जिंदगी की काटे। 'वनवासी सेवा मण्डल' के आप सक्रिय कार्यकर्ता तलाश में और सत्य की खोज में आप सदैव लगे रहे। 1949 के बाद आप नरसिंहपुर से बालाघाट चले गये। रहते हैं।
___22 अगस्त 1997 को दैनिक भास्कर, जबलपुर ___ आ)-(1) रा) नी), पृ0-64, (2) जै0 स) रा0 अ0, को दिये एक साक्षात्कार में आपने कहा था- 'उस (3) डॉ.) बाहुबली कुमार द्वारा प्रेषित परिचय
समय हमारा सपना था कि देश आजाद होने के बाद
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