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प्रथम खण्ड
115 कार्यरत रहे। मंडलेश्वर एवं जनपद सभासद भी आप भारत छोड़ो आन्दोलन में जुलूस निकलवाने, क्रान्तिकारी बाद में रहे।
नारे लगवाने तथा सरकार विरोधी गतिविधियों में आ) (I) म0 प्र0 स्व) सै), भाग-1, पृष्ठ-30, भाग लेने के कारण आप गिरफ्तार कर लिए गये, (2) स्व) स) पा), पृष्ठ-107. (3) श्री राकश जन, शहपुरा द्वारा फलतः 6 माह के कारावास का दण्ड भोगा। प्रेषित परिचय
आ0 - (1) म0 प्र) स्व) सै0, भाग-1, पृष्ठ-203, श्री उगमराज मोहनोत
(2) जै) स) रा0 अ) विधि स्नातक श्री उगमराज मोहनोत का जन्म
श्री उत्तमचंद जैन 25 जुलाई 1925 को श्री मूलराज के घर जोधपुर जबलपुर (म0प्र0) के श्री उत्तमचंद जैन, (राजस्थान) में हुआ। 1940 में लोक परिषद् के पुत्र-श्री मूलचंद ने 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन आन्दोलन में आपने वानर सेना के स्वयंसेवक के रूप में भाग लिया, फलत: आप गिरफ्तार कर लिये गये में कार्य किया। 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन में और कारावास में डाल दिये गये। आप दसवीं कक्षा के छात्र थे, वहाँ से गिरफ्तार कर आO-(1) म0 प्र0 स्व0 सै), भाग--1, पृष्ठ-31 (2) आपको भारत सुरक्षा कानून के अन्तर्गत डेढ़ वर्ष की स्व) स) जा), पृष्ठ-85 सजा दी गई व अमानुषिक पीड़ायें दी गईं। तलाशी श्री उत्तमचंद जैन कठरया में पुलिस घर का समान ले गई। जेल से छूटने के
श्री उत्तमचंद कठरया का जन्म 1-11-1919 में बाद स्कूलों में प्रवेश पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया फिर
उत्तमधाना (ललितपुर) उ0प्र0 में हुआ । आपके भी आपने किसी तरह एम0ए0 एल0एल0बी0 तक
पिता का नाम श्री मुरलीधर शिक्षा ग्रहण की। आपके पिता पुलिस विभाग में कार्य
जैन था। करते थे, लेकिन पुत्र की राजद्रोही प्रवृत्तियों के कारण
कठरया जी को राष्ट्रीय उनकी तरक्की रोक दी गई।
जन आन्दोलन में कार्यरत होने आ) (I) रा) स्व0 से), पृ0-711
की प्रेरणा अपने अग्रज श्री श्री उत्तमचंद जैन
नन्दकिशोर कठरया से मिली। नगर कांग्रेस के मंत्री रहे, पिण्डरई, जिला
। श्री रामेश्वर प्रसाद शर्मा के मण्डला (म0प्र0) के श्री उत्तमचंद जैन, पुत्र श्री नेतृत्व में आपने अपने ग्राम उत्तमधाना में जनजागृति
कुञ्जीलाल का जन्म 15 का श्रीगणेश किया। चर्खा, स्वदेशी वस्तुओं के प्रचार फरवरी 1924 को और विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार में योगदान दिया। ग्राम-कदवा, तहसील. बण्डा, 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन में सम्मिलित होकर जिला-सागर (म0प्र0) में तिरंगा झंडा हाथ में लेकर रक्षा-बंधन के अवसर पर हआ। स्थानीय उच्च नेताओं सत्याग्रह करते हुए गिरफ्तार होकर वर्ष भर का की प्रेरणा पाकर आप राष्ट्रीय कठोर कारावास तथा 100/- का अर्थ दण्ड आपने आंदोलन में सक्रिय हए। भोगा। 29-3-1994 को आपका निधन हो गया।
आO-(1) र) नी0, पृष्ठ-22, (2) जै0 स0 रा0 अ0, 1941 के व्यक्तिगत सत्याग्रह में आप गांव-गांव ।
(3) डॉ) बाहुबली जैन द्वारा प्रेषित परिचय (4) श्री महेन्द्र कुमार जाकर आंदोलन का प्रचार करते रहे। 1942 के कठरया द्वाया प्रेषित परिचय।
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