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स्वतंत्रता संग्राम में जैन (जनवरी) सुभाषचंद्र बोस अंग्रेजों की आंखों में धूल झोंककर जर्मनी पहुंचे। (मार्च) सुभाषचंद्र बोस द्वारा बर्लिन रेडियो से अपना पहला सन्देश प्रसारित। बम्बई में 5 अगस्त को कांग्रेस कार्यकारिणी और 7 अगस्त को महासमिति की बैठक। (8 अगस्त. रात्रि) 'भारत छोड़ो' प्रस्ताव पारित। गांधी जी द्वारा 'करो या मरो' संघर्ष की घोषणा। (1) अगस्त को तड़के) गांधी जी एवं कांग्रेस कार्यकारिणी के अन्य सदस्य गिरफ्तार। पुराने नेताओं के गिरफ्तार होने पर युवकों द्वारा आन्दोलन का नेतृत्व। (सरकारी आंकड़ों के अनुसार 1942 के आन्दोलन में 1028 व्यक्ति मरे और 3200 घायल हुए। 1942 के आखिरी पाँच महीनों में 60 हजार से अधिक व्यक्ति गिरफ्तार किये गये और 18 हजार को बिना कोई मुकदमा चलाये जेलों में भेज दिया गया। गैर सरकारी अनुमानों के अनुसार मृतकों की ही संख्या 10 हजार से 40 हजार के बीच थी, घायलों और जेल यात्रियों की संख्या लाखों में थी)। (16 अगस्त) मण्डला (म0प्र0) में उदयचन्द जैन (19 वर्ष) की पुलिस की गोली से शहादत। (22 अगस्त) गढ़ाकोटा में साबूलाल जैन की पुलिस की गोली से शहादत। (10 फरवरी) गांधी जी द्वारा आगाखां पैलेस में, जहाँ वह नजरबंद थे, 21 दिन का उपवास। 6 मई 1944 को गांधी जी रिहा हुए। बंगाल का दुर्भिक्ष। इस दुर्भिक्ष को संसार का सबसे बड़ा मानव कृत दुर्भिक्ष कहा गया है। एक तरफ अनाज के भण्डारों में अनाज सड़ रहा था, दूसरी ओर अकाल पड़ा था। कलकत्ता विश्वविद्यालय के एक अध्ययन के अनुसार लगभग 34 लाख व्यक्ति इस अकाल में भूख से मारे गये, लगभग 46 प्रतिशत आबादी भयंकर बीमारियों की शिकार हुई। कहा जाता है कि महायुद्ध के दौरान ब्रिटिश सरकार को आंशका थी कि यदि बंगाल पर जापान का हमला हआ तो नेताजी सभाष चन्द बोस और उनकी आजाद हिन्द फौज के कारण बंगाल की जनता ब्रिटिश सरकार की सहायता न कर हमलावरों की सहायता करेगी। अत: उसने भीषण अकाल की स्थिति पैदा कर दी। (18 फरवरी) बम्बई में नौसेना के एक भाग द्वारा अंग्रेज अफसरों के विरुद्ध विद्रोह। मद्रास, करांची और कलकत्ता में भी नौसेना द्वारा विद्रोह।
अगस्त) हीरोशिमा और नागासाकी पर अणुबम डाले जाने और जापान द्वारा हथियार डाल दर पर विश्वयुद्ध समाप्त। ( 19 सितम्बर ) भारत में आम चुनावों की घोषणा तथा ब्रिटिश संसद में सम्राट् द्वारा- 'भारतीय जनमत के नेताओं के सहयोग से भारत में पूर्ण स्वराज्य को यथाशीघ्र स्थापना के पूरे प्रयास क अश्वासन।'
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