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'', 'दशम अध्याय
wa mammammaminan भेड़ आदि प्राणियों से भी इसी प्रकार के अनेकों उपकार मनुष्य के
लिए होते रहते हैं । अत: इन उपकारी पशुओं को जो लोग खुद मा. रने तथा दूसरों से मरवाने का काम करते हैं, उनको सारे मानवसमाज की हत्या करने वाला ही समझना चाहिए। - ::
मांस, वनस्पति और अन्न की अपेक्षा महंगा भी पड़ता है। यही कारण है कि यूरोप के देशों में आवश्ककता होने पर मांस का राशन
हो जाता है, किन्तु वनस्पति का राशन नहीं होता। . ___... ... ... ... स्वास्थ्य की दष्टि से मांसाहार :: ::
स्वास्थ्य की दृष्टि से भी मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए। मांसाहार से प्राय; कैंसर, क्षय, पायोरिया, गंठिया, सिरदर्द, मृगी, उन्माद, अनिद्रा,लकवा, पथरी आदि भयंकर रोगों का आक्रमण होता है । शारीरिक वल और मानसिक बल पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है । यूरोप के ब्रूसेल्स विश्व विद्यालय आदि में जो परीक्षाएं हुई हैं उनमें भी शाकाहारी हो श्रेष्ठ प्रमाणित हुए हैं।
मांसाहार और शाकाहार के परिणाम को जानने के लिए एक वार दश हजार विद्यार्थियों का परीक्षण किया गया था। इनमें से . पांच हज़ार को केवल शाकाहार, फल-फूल अन्नादि पर और शेष पांच हज़ार को मांसाहार पर रखा गया था। छह महीने के वाद जांच करने पर मालूम हुया कि मांसाहारियों की अपेक्षा शाकाहारी सब बातों में तेज़ रहे । शाकाहारियों में दया,क्षमा, प्रेम आदि गुण प्रकट हुए और 'मांसाहारियों में क्रोध, क्रूरता, भीरुता आदि । मांसाहारियों से शाकाहारियों में बल, सहनशक्ति आदि गुण भी विशेष रूप से पाए गए।
प्रोफेसर सर चार्ल्स बेल ने अपने अनुभवों के आधार पर लिखा है कि मनुष्यों में दांतों के रोग मांसाहार के कारण बढ़ गए हैं।