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आगम और त्रिपिटक : एक अनुशीलन
[ खण्ड : २
भाषा-परिवारों की ये संख्याएं बड़ा कुतूहल उत्पन्न करती हैं । एक से सौ तक की समाधियां कम आश्चर्यजनक नहीं हैं। इससे स्पष्ट प्रतीत होता है कि विश्व की भाषाओं का अब तक ऐतिहासिक एवं तुलनात्मक दृष्टि से सांगोपांग अध्ययन नहीं हो पाया है; इसलिए उपयुक्त निर्णायक संख्याएं अनुमानों के आधार पर परिकल्पित हैं ।
डा० भोलानाथ तिवारी के अनुसार स्थूल दृष्टि से संसार के प्रमुख भाषा-परिवार १- भारोपीय, २- सेमिंटिक, ३- हेमेटिक, ४-भूराल - अल्टाइक, ५ - चीनी या एकाक्षरी, ६-द्रविड़, ७-मलय-पालिनीशियन, ८- बांटू, ह-बुशमैन, १०- सूडानी, ११ -आस्ट्रेलियन - पापुवन, १२ - रेडइण्डियन, १३ - काशी, १४ - जापानी - कोरियाई हैं ।
भौगोलिक आधार पर भाषानों का वर्गीकरण
भाषाओं के वर्गीकरण का एक प्रकार और है, जिसका आधार भौगोलिक है । इसका आशय यह है कि संसार के जिन-जिन भू-खण्डों में जो-जो भाषाएं बोली जाती हैं, उन वृहत् इकाइयों के आधार पर भू-खण्डों का वर्गीकरण किया जाता है । इस वर्गीकरण में कुछ अधिक स्पष्टता रहती है । एक तथ्य ध्यातव्य है, एक भू-खण्ड में किसी एक ही परिवार की भाषाए हों, ऐसा नहीं होता । उस भू-खण्ड में अनेक परिवारों की भाषाए हो सकती हैं । उनमें परिवार गत भिन्नता के कारण भेद रहना स्वाभाविक है, पर भौगोलिक निकटता के कारण परस्पर ध्वनियों एवं शब्दों का भी आदान-प्रदान होता रहा है । इस दृष्टि से विश्व के भाषा-खण्ड चार प्रकार के माने गये हैं- १ - अफ्रीकाखण्ड, २ - यूरेशिया - खण्ड, ३ - प्रशान्त महासागरीय खण्ड और ४- अमेरिका-खण्ड |
भाषा-परिवार
संसार की भाषाएं अनेक भाषा-परिवारों में विभक्त हैं । जिस प्रकार मानव का अपना परिवार होता है, उसी प्रकार एक स्रोत से उद्भूत, विकसित और प्रसृत भाषाओं का एक समुदाय होता है, जिसे भाषा विज्ञान में भाषा-परिवार की संज्ञा दी जाती है । एक उदाहरण से यह तथ्य विशेष स्पष्ट होता है । कल्पना करें, विश्व के किसी भू-खण्ड में प्राचीन काल में कोई जाति आबाद थी । उसकी अपनी भाषा थी, जिससे उसका दैनन्दिन काम चलता था । समय बीतता गया, वहां के निवासियों की जन-संख्या बढ़ती गयी । उनमें से अनेकों को लगा होगा, हमारा जीवन निर्वाह यहां सुख-सुविधापूर्वक नहीं हो रहा है । हमें अपने लिए कोई और स्थान खोज लेना चाहिए ।
दूसरा कारण यह भी हो सकता है कि उनके मन में विजिगीषा का भाव जगा हो ।
१. कुछ विद्वान् संख्या ७, ११ तथा १४ के दो-दो परिवार मानते हैं ।
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