Book Title: Agam aur Tripitak Ek Anushilan Part 2
Author(s): Nagrajmuni
Publisher: Arhat Prakashan

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Page 731
________________ भाषा और साहित्य] प्रयुक्त ग्रन्थ-सूची [ ६८१ ४५. ठाणांग सूत्र। ४६. तत्त्वार्थ सूत्र : उमास्वाति, प्र० रायचन्द जैन शास्त्रमाला, हीराबाग, बम्बई, ४७. तत्त्वार्थ सूत्र, सर्वार्थ सिद्धि : प्राचार्य पूज्यपाद ४८. ताण्ढय महाब्राह्मण, पचविंश ब्राह्मण : ४६. तित्थोगालीपइन्ना : ( जैन ग्रन्थ ) अप्रकाशित ५०. तिलोयपण्णत्ति : प्राचार्य यति वृषभ, सं० हीरालाल जैन व ए. एन० उपाध्ये, __प्र. जैन संस्कृति संरक्षक संघ, शोलापुर, १९५१ ५१. तैत्तरीय संहिता : ५२. दशवैकालिक वृत्ति : ५३. दर्शनसार : देवसेनाचार्य, सं० पं० नाथूराम प्रेमी, प्र० जैन ग्रन्थ रत्नाकर कार्यालय बम्बई, १९२० ५४. दीघनिकाय (हिन्दी अनुवाद ): अनु० राहुल सांकृत्यायन, प्र० महाबोधि सभा,, सारनाथ, बनारस, १९३६ ५५. दीपवंस : ( सिलोनी पालि ग्रन्थ ) सं० और अनु० अोल्डन वर्ग, प्र० विलियम्स एण्ड नोर्गेट, लन्दन १९०६-१९१५ ५६. द्वात्रिंशद्वात्रिंशिक! : प्राचार्य सिद्धसेन दिवाकर ५७. धर्म संग्रह सटीक : ५८. धवला : ५९. नन्दी सूत्र : ६०. नन्दी सूत्र स्थविरावली : ६१. नाट्य शास्त्र : प्राचार्य भरत । ६२. नायाधम्मकहानो : वाचना प्रमुख प्राचार्य तुलसी, सं• मुनि नथमल, प्र. जैन विश्व भारती, लाडनू, वि० सं० २०३१ ६३. नारद-स्मृति : ६४. निरयावलिका : ( सुन्दर बोधि व्याख्या तथा हिन्दी-गुजर भाषानुवाद सहित ) घासीलालजी महाराज, प्र० अ० भा० श्वे० स्था० जैन शास्त्रोद्धार समिति,राजकोट, १९६० ६५. निरुक्त : ६६. नियुक्ति : प्राचार्य भद्रबाहु ____Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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