Book Title: Agam aur Tripitak Ek Anushilan Part 2
Author(s): Nagrajmuni
Publisher: Arhat Prakashan

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Page 733
________________ भाषा और साहित्य ] ६०. भद्रबाहु चरित्र : आचार्य रत्ननन्दी ६१. भर्तृहरिकृतनीतिशतक : श्राचार्य सिद्धर्षि ६२. भारत की प्रार्य भाषाएं : डा० इन्द्रचन्द्र शास्त्री प्रयुक्त ग्रन्थ-सूची ६३. भारत की भाषाएँ और भाषा सम्बन्धी समस्याएं : डा० सुनीतिकुमार चटर्जी ६४. भाषा विज्ञान : डा० भोलानाथ तिवारी ६५. भाव-संग्रह : देवसेन, सं० पन्नालाल सोनी, प्र० माणिक्यचन्द दिगम्बर जैन ग्रन्थमाला समिति, हिन्दी ग्रंथ रत्नाकर कार्यालय, बम्बई १९२१ ६६. मज्झिमनिकाय : ( हिन्दी अनुवाद ) अनु० राहुल सांकृत्यायन, प्र० महाबोधि सभा, सारनाथ, बनारस, १९३३ [ ६८३ ६७. मनुस्मृति : ६८. महापरिनिव्वाण सुत्त : ६६. महापुराण: प्र० माणकचन्द जैन ग्रन्थमाला, बम्बई १००. महाभारत : १०१. महाभाष्य : महर्षि पतंजलि, सं० भार्गव शास्त्री, प्र० निर्णय सागर प्रेस, बम्बई १९५१ १०२. महावंस : ( हिन्दी अनुवाद ) अनु० भदन्त आनन्द कौसल्यायन, प्र० हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग, १९५६ १०३. महावग्ग : महावीर जैन विद्यालय सुवर्ण महोत्सव ग्रन्य, खण्ड १ - २, बम्बई, १९६८ १०४. महावीर चरित : रयधू १०५. महायान सूत्र संग्रह ( प्रथम खण्ड ) मिथिला पीठ, दरभंगा संस्करण १९६१ १०६. महायान सूत्रालंकार : १०७. मिलिन्द पञ्हो ( पालि ) सं० श्रार० डी० वडेकर, प्र० बम्बई विश्वविद्यालय बम्बई १९४० १०८. मुण्डकोपनिषद् : १०६ याज्ञवल्क्य स्मृति : ११०. रत्नकरण्ड श्रावकाचार : प्र० मारणकचन्द दिगम्बर जैन ग्रन्थमाला समिति, बम्बई १०१. राजप्रश्नीय सूत्र : ११२. रामायण : गीता प्रेस, गोरखपुर Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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