________________
युग-मीमांसा वस्तुतः यह युग हिन्दू धर्म के लिए विघातक ही बना रहा । इस्लाम धर्म अपनी कट्टरता के साथ प्रचण्ड वेग से बढ़ता जा रहा था। सच तो यह है कि तलवार के बल पर फैलने वाला धर्म दूसरे धर्मों को फूलताफलता देख भी कैसे सकता था ? हिन्दुओं के मन्दिरों, तीर्थ स्थानों, धार्मिक प्रतिष्ठानों, पवित्र ग्रन्थों को नष्ट करना ही इस्लाम धर्म के अनुयायी सम्राटों ने अपना कर्तव्य समझ लिया था। मुसलमानों के पास तलवार की शक्ति थी, हिन्दू असहाय एवं विवश थे।
इस काल में धर्म एक प्रकार से राज्याश्रित होने के साथ ही अपने वास्तविक अर्थ को खोकर सामान्य जन की आस्था को भी खो चुका था। अन्याय, हिंसा और अत्याचार जिस धर्म के विधेय हों, वह धर्म आस्था का प्रतीक बन भी कैसे सकता है ? अतः इस्लाम धर्म, जो एक बार सम्पूर्ण भारत पर आच्छादित होने का स्वप्न देख रहा था, बदलती हुई राजनीतिक परिस्थितियों के साथ ही हतप्रभ होने लग गया । औरंगजेब की मृत्यु के साथ मुगल साम्राज्य के साथ ही इस्लाम धर्म भी प्रभावहीन होता गया।
___भारत में जब तक इस्लाम हिन्दुत्व के साथ समझौता करके चलने लगा कि तब तक दूसरा धर्म भी यहाँ की धरती में अपने पंख पसार रहा था-वह था ईसाई धर्म । गोरों के निरन्तर बढ़ते हुए प्रभाव के साथ ईसाई धर्म में इस्लाम के समान कट्टरता न थी। ईसाई पादरियों ने धर्मप्रचार के लिए शक्ति का आश्रय न लेकर अर्थ और नीति से काम लिया । उन्होंने बाइबिल के सिद्धान्तों के प्रचार, स्वधर्म महत्त्व-प्रतिपादन तथा स्थान-स्थान पर अस्पताल स्कूल-कॉलेज आदि की स्थापना से भारतीयों
१. यहाँ हिन्दू धर्म का आशय. एक ऐसे विराट् धर्म से है, जिसके अन्तर्गत
शासक धर्म के अतिरिक्त अन्य सभी भारतीय धर्म और धर्म के अनेक
पंथों को समाहित कर लिया गया है। २. देखिए-डॉ० मथुरालाल शर्मा: भारत की संस्कृति का विकास, पृष्ठ ३८० ।