________________
२६४
(१८)
। चरकसंहिता-" • विषय. पृष्ठांक. .विषय.
• पृष्ठांक. बलवर्णदायक संतर्पण . २६०
: : उपरोक्त उपदेशोंका तत्व २८४ २४. विधिशोणितीय अध्याय । अमिवेशका आसवाविषयक प्रश्न २८५ शुद्धरतके गुण
आत्रेयजीका उत्तर (आसवाझावर्णन), दूषितरक्तके उपद्रव
उपसंहार
. २८७ दूषितरक्तमें कर्त्तव्य कर्म
२६२
२६. आत्रेयभद्रकाप्यीय अध्याय। वातादिदोषोंसे दूषितरक्तके लक्षण २६३
ऋषियोंका रसविषयक आन्दोलन २८७ शुद्धरक्त के लक्षण
रस विषयक सिद्धान्त
२८९ रक्तमोक्षणानंतर कर्तव्य
पार्थिव द्रव्योंके गुणकर्म . २९१ मदमूछादिकेहेतु
जलीयद्रव्य वातादिकृत उन्मादका लक्षण
आग्नेयद्रव्य वातादिजनितमूच्छाका लक्षण २६५
नाय गद्रव्य संन्यासरोगका ल.
आकाशीयद्रव्य
२९२ संन्यासरोगकी चिकित्सामें शीघ्रता २६७ संन्यासरोगमें चिकित्सा
द्रव्यविषयक सिद्धान्त .
रसोंके विकल्पकी संख्या २५. यजःपुरुषीय अध्याय ।
रसविकल्पज्ञ वैद्यकी प्रशंसा २९४ ऋषियोंका आन्दोलन
२६९
परादि१७ गुणोंके नाम और लक्षण काशीनरेशवामकका वाक्य २७० मौद्गल्यका मत
रसगुणविषयक सिद्धान्त
रसोंकी उत्पचि शरलोसाका मत वायोविदका मत
२७१
पंचमहाभूतोंके न्यूनाधिक्यका फल २९७ हिरण्याक्षका मत
अग्निमारुतात्मक रसौके कर्म . . शौनकका मत
मधुरादिदरसोंके गुणागुण . . भद्रकाप्यका मत
द्रव्योंके वीर्यका वर्णन
३०३ भरद्वाजका मत
रमेंमें प्रधानता
३०४ काङ्कायनका मत
विपाकका वर्णन
३०५ भिक्षुआत्रेयका मत
२७३ वीर्यका वर्णन पुनर्वसुका वचन
रमविपाक वीर्यके लक्षण वामकका प्रश्न और आत्रेयका उत्तर २७४
प्रभावका लक्षण आनिवेशका प्रश्न
रसवीर्यादिका सिद्धान्त आत्रयका उत्तर
मधुरादिदरसोंके स्वरूप अग्निवेशका प्रश्न आत्रेयका उत्तर
विरुद्धाहारविषयक अग्निवेशका प्रश्न ३०९ आहारोंके भेद वर्णन
आत्रेयजीका उत्तर श्रेष्ठहितकारी द्रव्योंका वर्णन २७६ विरुद्ध आहारोंकावर्णन
३१० सामान्यतःसे अहितद्रव्य - २७७ विरुद्ध अन्नसेवनरोगोत्पत्ति ३१६ ईताहितद्रव्यों में प्रधानोंका वर्णन २७८ । विरुद्ध अन्नजन्य रोगोंके उपाय ३१७
२९६
"
-
२७२
०
०
"
س
०
م
२७५
"