Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Part 03 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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जीवाभिगमसूत्रे
सहस्रे, 'दाहिणेणं एगा साहस्सी' - दक्षिणस्यां दिशि सहस्रमेकम्, 'उत्तरेणं एगा साहस्सी' - उत्तरस्यां दिशि सहस्रमेकम् तदेवं संकलनया पडू मनोगुलिका सहस्राणि भवन्ति ॥ ' तासु णं मणोगुलियासु' - तासु खलु मनोगुलिकासु, 'बहवे सुवण्णरुप्पामआ फलगा पण्णत्ता' - बहवः सुवर्णरूप्यमयाः फलकाः प्रज्ञप्ताः, 'तेसु णं सुवण्णरूप्पामरसु फलगेसु' - तेषु खलु मुवर्णरूप्यमयेषु फलकेषु 'बहवे वइरामआ नागदंतगा पत्ता ' - बहवो बज्रमया नागदंतकाः प्रथिताः, ' तेसु णं वइरामएस नागदंतसु' - तेषु खलु वज्रमयेषु नागदन्तकेषु, 'बहवे किन्हसुत्तवबग्घारिय मल्लदामकलावा' - बहवोऽनेके कृष्णसूत्रवृत्तावलम्बितमाल्यदामकलापाः नीलसूत्रवृत्तावलम्बित माल्यदामकलापाः लोहितसूत्रवृत्तावलम्बितमाल्यदामकलापाः हारिद्रसूत्रवृत्तावलम्बितमाल्यदामकलापाः, 'जाव सुकिल्लसुत्त वट्टवग्वारियमल्लदामकलावा' - दो हजार 'दाहिणेणं एगा साहस्सी' दक्षिणदिशा में एक हजार 'उत्तरेणं एगा साहस्सी' और उत्तरदिशा में एकहजार इस प्रकार से मनोगुलिकाओं का यह ६ हजार का प्रमाण हो जाता है । 'तासु णं मणोगुलियासु' उन मनोगुलिकाओं में वैठकों में 'बहवे सुवण्णरूप्पाम आ फलगा पण्णत्ता' अनेक सुवर्ण और चांदी के पटिये कहे गये है 'तेसु णं सुवण्णरूप्पामएस फलगेसु' उन सुवर्ण और चांदी के फलकों में 'बहवे वइरामया नागदंतगा पण्णत्ता' अनेक वज्रमय नागदन्त - कीलें लगी हुई है । 'तेसुणं वइरामएस नागदंतएस' उन वज्रमय नागदन्तों में 'बहवे कितवग्घारियमल्लदामकलावा' अनेक कृष्णसूत्र से यावत् नीलसूत्र से गूंधी हुई पुष्पों की मालाओं के समूह टंगे हुए हैं। यही बात 'नीलसूत्र वृत्तावलम्बितमाल्यदामकलापाः, लोहितसूत्रवृत्तावलम्बितमाल्यदामकलापाः' आदि पाठों द्वारा प्रकट की गई है 'तेणं
पश्चिमहिशामां मे हुनर 'दाहिणे णं एगा साहस्सी' दक्षिणु विशामां मे हर 'उत्तरेणं एगा साहस्सी' उत्तर दिशामां मे! हत्तर से प्रमाणे मनोगुसिगोनु आछ इन्नरनु प्रभाष भजी लय छे. 'तासु णं मणोगुलियासु' से मनोशुसिला शोभां - मेऽभां 'बहुवे सुवण्णरूप्पामआ फलगा पण्णत्ता' भने सोना भने यांहीना पाटिया ह्या छे. 'तेसु णं सुवण्णरुप्पामयेसु फलगेसु' से सोना मने यांहीना पाटियामा 'बहवे वइरामया णागदंतगा पण्णत्ता' ने वक्रभय नागवंत मीसाग बागेला छे. 'तेसु णं वइरायएस नागदंतएस' से वक्रभय नागह तो भां 'बहवे कहत धारियमल्लद्दाम कलावा' मने! ष्णु सूत्रमां यावत् नीससूत्रमां ગુથવામાં આવેલ પુષ્પાની અતિસુંદર માળાઓના સમૂહ રાખેલ છે. એજ વાત 'नीलसूत्रवृत्तावलम्बित माल्यदामकलापाः लोहितसूत्र वृत्तावलम्बित माल्यदामकलापाः'
જીવાભિગમસૂત્ર