Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Part 03 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
View full book text
________________
प्रमेयद्योतिका टीका प्र. ३ उ. ३ सू.१२० ऊर्ध्वलोक देव विमानस्थितिनिरूपणम् १०५३ विमाण पुढवी णं पुच्छा 'गोयमा ! ओवासंतरपइडिया' ग्रैवेयकविमान पृथिवी किं प्रतिष्ठिता ? भगवान्प्राह- गौतम ! अवकाशान्तरप्रतिष्ठिता । 'अणुत्तरोववाइय पुच्छा - ओवा संतरपइट्ठिया' अनुत्तरोपपातिकविमानपृथिवी किं प्रतिष्ठिता ? भगवानाह - गौतम ! अवकाशान्तर प्रतिष्ठिता । उक्तं च
'घणोदहि पट्टाणा सुरभवणा दोस्रु होंति कप्पे | ति वायपणा तदुभय पट्टिया तीसु || १ ||
छाया - घणोदधि प्रतिष्ठाभाति सुरभवनानि द्वयोर्भवन्ति कल्पयोः ।
त्रिषु वात प्रतिष्ठानानि तदुभय प्रतिष्ठितानि त्रिषु ॥ १ ॥
तेन परम् उपरितना आकाशतलप्रतिष्ठिताः सर्वे । एष प्रतिष्ठानविधिः ऊर्ध्वलोके विमानानाम् इति सू० ॥ १२०॥
इन कल्पों में विमान किसके आधार पर है ? ' ओवा संतर पइडिया' हे गौतम ! इन कल्पों में विमान आकाश के आधार पर है 'गेविज्ज विमाण पुढवीणं पुच्छा' हे भदन्त ! ग्रैवेयक विमान किसके आधार पर है 'गोमा ! ओवासंतरपइडिया' हे गौतम ! ग्रैवेयक विमान आकाश के आधार पर है 'अणुत्तरोववाइय पुच्छा' हे भदन्त ! अनुत्तरोपपातिक विमान किसके आधार पर है । 'ओवासंतरपइडिया' हे गौतम ! अनुत्तरोपापतिक विमान आकाश के आधार पर है कहा भी है
'घणोदहि पद्वाणा सूरभवणा दोसु होंति कप्पेसु । तिसु वायपरट्ठाणा तदुभय पइडिया तिसु ॥१॥ तेण परं उवरिमगा आगासंतर पइट्टिया सव्वे, एस पट्ठाणविही उडू लोए विमाणानं ॥ २॥ - ॥१२०॥
आधार पर रहेला छे. 'गेविज्जविमाणपुढवीणं पुच्छा' हे भगवन् ! चैवेय विभान होना आधार ५२ रस छे ? 'गोयमा ! ओवासंतरपइट्टिया' हे गौतम! ग्रैवेयङ विभान अवाशना आधार पर रहेला छे. 'अणुत्तरोववाइय पुच्छा' हे लगवन् ! अनुत्तरोपयाति विमान होना आधार पर रहेत छे ? 'ओवासंतर पइट्ठिया' हे गौतम! अनुत्तरोपयाति विमान आाशना आधार ५२ रहेस छे. उधुं पशु छे -
'घणोदहि पट्टाणा सुरभवणा दोसु होंति कप्पे ।
तिसु वायपट्टाणा तदुभयपइट्टिया तिसु ॥ १ ॥
ते परं उवरिमगा आगासंतरपट्टिया सव्वे ।
एस पठाणविही उडूढं लोए विमाणाणं ॥ २ ॥ ॥ सू. १२० ॥
જીવાભિગમસૂત્ર