Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Part 03 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 1572
________________ प्रमेयद्योतिका टीका प्र.१० सू.१५५ जीवानां दशविधत्वनिरूपणम् १५५९ नेरइयाणय कयरे कयरेहितो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा' एतेषां खलु भदन्त ! प्रथमसमयनैरयिकाणामप्रथमसमयनैरयिकाणां च कतरे कतरे. भ्योऽल्पा वा यावद्विशेषाधिका वा ? भगवानाह-'गोयमा ! सव्वत्थोवा पढम. समयणेरइया' सर्वस्तोकाः प्रथमसमयनैरयिकाः ? गौतम ! ततश्च 'अपढमसमयणेरइया असंखेजगुणा' असंख्येयगुणा अप्रथमसमयनैरयिकाः। 'एएसि णं भंते ! पढमसमयतिरिक्खजोणियाणं-अपढमसमयतिरिक्खजोणियाण य कयरे कयरेहितो०' एतेषां खलु भदन्त ! प्रथमाऽप्रथमसमयतिर्यग्योनिकानामुभयेषां मध्ये कतरे कतरेभ्योऽल्पा वा-बहुका वा-तुल्या वा-विशेषाधिका वा ? भगवाग्योनिक जीव हैं वे अनन्तगुणे अधिक हैं । 'एतेसि णं भंते ! पढम समय नेरइयाणं अपढमसमय णेरइयाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा' हे भदन्त ! इन प्रथम समयवर्ती नैरयिकों के और अप्रथम समयवर्ती नैरयिकों के बीच में कौन किसकी अपेक्षा अल्प हैं ? कौन किसकी अपेक्षा बहुत हैं ? कौन किसकी अपेक्षा तुल्य हैं और कौन किसकी अपेक्षा विशेषाधिक हैं ? इसके उत्तर में प्रभु कहते हैं-'गोयमा ! सव्वत्थोवा पढमसमयनेरइया' हे गौतम ! सबसे कम प्रथम समयवर्ती नैरयिक हैं। 'अपढमसमयणेरइया असंखेजगुणा' इनकी अपेक्षा अप्रथमसमयवर्ती नैरयिक असंख्यात गुणें अधिक हैं। 'एतेसि णं भंते ! पढमसमयतिरिक्खजोणियाणं अपढमसमयतिरिक्खजोणियाणं कयरे कयरेहितो' हे भदन्त ! इन प्रथम समयवर्ती तिर्यग्योनिकों में और अप्रथम समयवर्ती तिर्यग्योनिकों में कौन किसकी अपेक्षा अल्प हैं ? कौन किनकी अपेक्षा बहुत हैं ? कौन किनकी अपेक्षा बराबर हैं कौन किनकी अपेक्षा विशेषाधिक हैं ? पढमसमय नेरइयाणं अपढमसमयनेरइयाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा जाव विसेसाहिया वा मावन् ! मा प्रथम सभयती नैरयिमा मने प्रथम સમયવતિ નિરયિકમાં કે તેનાથી અ૫ નામ ઓછા છે? કેણુ કેનાથી વધારે છે? કોણ કેની બરોબર છે? અને કોણ કોનાથી વિશેષાધિક છે? આ प्रश्नन। उत्तरमा प्रमुश्री ४९ छ -'गोयम सब्वत्थोवा पढमसमयनेरइया' 3 गौतम ! सौथी सोछ। प्रथम समय पती नैयि छे. 'अपढमसमय णेरड्या असंखेज्जगुणा' तेन। ४२di अप्रथम समयवती नै२यि मध्यात पधारे छ. 'एतेसिं णं भते ! पढमसमयतिरिक्खजोणियाणं अपढमसमयतिरिक्खजोणियाणं कयरे कयरे हितो० भगवन् २प्रथम समयपति तिय योनिमा भने अप्रथम સમયાવતિ તિર્યાનિકેમાં કેણ કેના કરતાં અ૫ છે? કેણ કોનાથી વધારે છે ? જીવાભિગમસૂત્ર

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