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प्रश्न-भावजिन किसे कहते हैं ? उत्तर-जो केवलज्ञान प्राप्त करके, अर्हत् बनकर समवसरणमें विराजित हों,
उनको भावजिन कहते हैं । प्रश्न-शक्रस्तवमें कौनसे जिनोंकी वन्दना की गयी है ? उत्तर-भावजिनोंकी । इसकी अन्तिम गाथामें द्रव्यजिनोंकी भी वन्दना
स्तुति की गयी है। प्रश्न-ये भावजिन कैसे हैं ? उत्तर-अरिहन्त ( अर्हत् ) हैं, भगवान् हैं। प्रश्न-अरिहन्त ( अर्हत् ) किसे कहते हैं ? उत्तर-जो महापुरुष मनुष्यों, राजाओं तथा देवोंसे पूजे जाने योग्य हों
उनको अर्हत् कहते हैं । प्रश्न-भगवान् किसे कहते हैं ? उत्तर-जो भगवाले हों उनको भगवान् कहते हैं। भग-अर्थात् ऐश्वर्य,
रूप, यश, श्री, धर्म और प्रयत्न ( पुरुषार्थ ) की सम्पूर्णता। प्रश्न-अरिहन्त भगवानोंकी वन्दना-स्तुति करनेका कारण क्या है ? उत्तर- कारण यह है कि वे आदिकर हैं, तीर्थङ्कर हैं तथा स्वयंसम्बुद्ध हैं । प्रश्न-आदिकर किसे कहते हैं ? उत्तर- जो आदि करें उन्हें आदिकर कहते हैं। अरिहन्त भगवान् केवल
ज्ञानकी प्राप्तिके पश्चात्-'उपपन्नेइ वा, विगमेइ वा, धुवेइ वा- ( उत्पन्न होता है, नष्ट होता है और फिर भी स्थिर रहता है। जगत्के स्वभावका यह वर्णन है ) इस त्रिपदीद्वारा नवीन . द्वादशाङ्गी अथवा नवीन शास्त्रोंकी आदि करते हैं, इसलिए उन्हें आदिकर कहते हैं।
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