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गुरु-क्षमापना
प्रश्न-गुरु-क्षमापना अर्थात् ? उत्तर-गुरुके प्रति छोटे-बड़े जो अपराध हुए हों उनकी क्षमा माँगने
को क्रिया। प्रश्न-गुरुके प्रति छोटे-बड़े अपराध कितने प्रकारसे होने सम्भव हैं ? उत्तर-तीन प्रकारसे ।
(१) अप्रीति अथवा विशेष अप्रीति उत्पन्न करें, ऐसे कार्य । (२) कोई भी विनय-रहित कृत्य होनेसे, जिनका कि शिष्यको
ध्यान हो। (३) कोई भी विनय-रहित कृत्य होनेसे, जिनका कि शिष्यको
ध्यान न हो। प्रश्न-अप्रीति अथवा विशेष अप्रीति उत्पन्न हो ऐसे कार्य होने कब - सम्भव हैं ? उत्तर-(१) भत्ते-आहार-सम्बन्धी गुरुने जो सूचना दी हो, उसपर
पूर्ण ध्यान न दिया जाय तब । (२) पाणे-पानी सम्बन्धी गुरुने जो सूचना दी हो, उसपर
पूर्ण ध्यान न दिया जाय तब । (३) विणए-गुरुका जिस जिस प्रकारसे विनय करना चाहिए,
उस उस प्रकारसे विनय न हुआ हो तब ।। (४) वेयावच्चे-गुरुका जिस जिस प्रकारसे वैयावृत्त्य करना
चाहिये, उस उस प्रकारसे वैयावृत्त्य नहीं हुआ हो तब । (५) आलावे-बोलते समय जिस तरह शब्द-प्रयोग होना
चाहिये, वह नहीं हुआ हो तब ।
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