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पंक्ति १
अशुद्ध दहिना चडविहार पडिलेहादेमि
स्त्रबके
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५०७ ९ ५०९ ४ ५२० २० ५२१ ६ ५२५ ३ ५२८ २१ ५३४ ११ ५४३ ९ ५४५ २२
हास-सुत्त परठनकर उपाधि-महपत्ती परिवर्तना दो पड़ी वीतराय
शुद्ध दाहिना चउविहार पडिलेहावेमि सबके हाण-सुत्त परठवकर उपधिमुहपत्ती परावर्तना दो घड़ी वोयराय झुकाते श्रीवर्धमानस्वामीकी बारह राज पूजो
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झुकाये
,
१६
श्रीवर्धनानस्वामीको बाहर राम पूछो एले सुन (न) खोली साधना मोले
.
एळे
५४८
५४९ ५५०
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निज निज
५५१ ९ ५५१ १० ५५२ २
सुम खीली साधतां सोले जन जिन खाण मलिया जाणो । कोडी
खाय ललिया जणो कोडो :
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