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दाहिना हाथ चरवले पर अथवा कटासणाके ऊपर रखकर 'सव्वस्स वि राइअ-दुच्चितिय०' का पाठ बोलना।
(६) देव-वन्दन फिर 'नमो त्थु णं' सूत्रका पाठ बोलना।
(७) पहला और दूसरा आवश्यक
( सामायिक और चतुर्विंशति-स्तव ) तदनन्तर खड़े होकर 'करेमि भंते' सूत्र, 'इच्छामि ठामि काउस्सग्गं, जो मे राइयो०' 'तस्स उत्तरी०' सूत्र और 'अन्नत्थ०' सूत्र बोलकर एक 'लोगस्स' अथवा चार नमस्कार का काउस्सग्ग करना ।
फिर 'लोगस्स, सव्वलोए अरिहंत-चेइआणं० तथा काउस्सग्ग' -सुत्तके पाठ बोलकर एक लोगस्स अथवा चार नमस्कारका काउस्सग्ग करना। ___ फिर 'पुक्खरवर-दीवड्ढे०, सुअस्स भगवओ, वंदण०, अन्नत्थ०'. कहकर काउस्सग्गमें 'अइयार-वियारण-गाहा' विचारनी। ये गाथाएँ न याद हों तो आठ नमस्कारका काउस्सग्ग करना। फिर 'सिद्धाणं बुद्धाणं' सूत्र बोलना।
(८) तीसरा आवश्यक ( वन्दन ) फिर बैठ कर तीसरे आवश्यककी मुहपत्ती पडिलेहनी और खड़े होकर द्वादशावर्त्त-वन्दन करना।
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