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अर्थ-सङ्कलना... चार पदार्थ मङ्गल हैं :-(१) अरिहन्त मङ्गल हैं, (२) सिद्ध मङ्गल हैं, (३) साधु मङ्गल हैं और (४) केवलि-प्ररूपित धर्म मङ्गल है॥ ५॥
चत्तारि लोगुत्तमा, अरिहंता लोगुत्तमा, सिद्धा लोगुत्तमा, साहू लोगुत्तमा, केवलि-पन्नत्तो धम्मो लोगुत्तमो ॥ ६ ॥
शब्दार्थचत्तारि-चार, चार पदार्थ । अरिहन्ता०-पूर्ववत् । लोगुत्तमा लोकोत्तम हैं। अर्थ-सङ्कलना__चार पदार्थ लोकोत्तम हैं :-(१) अरिहन्त लोकोत्तम हैं, (२) सिद्ध लोकोत्तम हैं, (३) साधु लोकोत्तम हैं और (४) केवलि-प्ररूपित धर्म लोकोत्तम है ॥६॥
मूल
७ चार शरण चत्तारि सरणं पवज्जामि, अरिहंते सरणं पवज्जामि, सिद्धे सरणं पवज्जामि, साहू सरणं पवज्जामि, केवलिपन्नत्तं धम्म सरणं पवज्जामि ॥ ७ ॥
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