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६- प्रकीर्ण सूचना
प्रतिक्रमण समुदायके साथ बैठकर करना हो, तब अपनेसे बड़ोंका यथोचित विनय करना, शान्ति और शिष्टता का पालन करना तथा अपनेको आदेश मिला हो उस सूत्रके बोलनेमें सावधान रहना ।
सूत्र संहिता - पूर्वक बोलना और उस समय अर्थका भी ध्यान रखना ।
जहाँ-जहाँ जिस-जिस प्रकारकी मुद्राएँ करनेके लिये कहा हो, वहाँ-वहाँ उस-उस प्रकारकी मुद्राएँ करनी ।
प्रतिक्रमणको विधिके हेतुओंको बराबर समझकर उनके अनुसार लक्ष्य रखकर वर्तन करनेका प्रयत्न करना ।
आन्तरिक उल्लास - पूर्वक किया हुआ प्रतिक्रमण कर्मके कठिन बन्धनको शीघ्र काट डालता है, यह लक्ष्य में रखना चाहिये । रात्रिका प्रतिक्रमण अत्यन्त मन्द स्वरसे करना । सङ्केत
खमा० प्रणि० = खमासमण बोलकर प्रणिपात करके । इच्छा : इच्छाकारेण संदिसह भगवान् !
=
[ ३ ] दैवसिक प्रतिक्रमणकी विधि
( १ ) सामायिक
प्रथम सामायिक लेना ।
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(२) दिवस - चरिम - प्रत्याख्यान
फिर पानी पिया हो तो खमा० प्रणि० करके 'इच्छा० मुह
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