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विगई,३-वाणह४-तंबोल५-वत्थ६-कुसुमेसु। बाहण८-सयण९विलेवण१०-बंभ११-दिसि१२-णहाण१३-भत्तेसु१४ ॥ १ ॥ ये चौदह नियम लिये नहीं, ले कर भुलाये। बड़,१ पीपल,२ पिलंखण३ कलुबर,४ गूलर,५ ये पाँच फल, मदिरा,६ मांस,७ शहद,८ मक्खन९ ये चार महाविगई, बरफ,१० ओले११ कच्ची मिट्टी, (विष)१२ रात्रि-भोजन,१३ बहु-बीजाफल,१४ अचार,१५ घोलवडे, १६ द्विदल,१७ बेंगण,१८ तुच्छफल, १९ अजाना-फल,२० चलित-रस,२१ अनंतकाय,२२ ये बाईस अभक्ष्य । सूरन-जिमीकंद, कच्ची-हलदी, सतावरी, कच्चा नरकचूर, अदरक, कुवांरपाठा, थोर, गिलोय, लसुन, गाजर, गठा-प्याज, गोंगलू, कोमल-फल-फूल-पत्र, थेगी, हरा मोत्था, अमृत वेल, मूली, पदबहेडा, आलू, कचालू, रताल, पिंडाल, आदि अनंतकाय का भक्षण किया । दिवस अस्त होने पर भोजन किया । सूर्योदय से पहले भोजन किया। तथा कर्मतः पंद्रह-कर्मादान :-इंगाल-कम्मे, वणकम्मे, साडि-कम्मे, आडी-कम्मे फोडी-कम्मे, ये पांच कर्म । दंत-वाणिज्ज, लक्ख-वाणिज, रस-वाणिज, केस-वाणिज, विस-वाणिज, ये पांच वाणिज्ज । जंत पिल्लण-कम्म, निल्लंछनकम्म, दवग्गिदावणिया, सर-दह-तलाय-सोसणया, असइ पोसणया ये पाँच सामान्य, कुल पंद्रह कर्मादान महा आरम्भ किये कराये करते हुए को अच्छा समझा । श्वान बिल्ली आदि पोषे पाले महासावध पापकारी कठोर काम किया। इत्यादि सातवें
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