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करना; वह
गमन ।
इत्वरगृहीता - अल्प समयके लिये ग्रहण करने में आयी हुई स्त्री अर्थात् रखात ( पासवान ) अथवा वेश्या ।
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अनङ्ग - क्रीडा - कामवासना जागृत करनेवाली क्रिया ।
अर्थ-सङ्कलना
मूल
अपरिगृहीता
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अपरिगृहीता - गमन, इत्वरगृहीता-गमन, अनङ्ग-क्रीडा, परविवाहकरण और तीव्र - अनुराग के कारण चौथे व्रतके विषय में दिवससम्बन्धी छोटे-बड़े जो अतिचार लगे हों, उन सबसे मैं निवृत्त होता हूँ ।। १६ ।।
परविवाह - करण- अपने
अथवा
लड़की अतिरिक्त
शब्दार्थ
इत्तो - हाँसे, अब I
अणुव्वये पंचमम्मि - पाँचवें अणुव्रत के विषय में |
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लड़के
आश्रितोंके
दूसरोंके विवाह
आदि करना - कराना |
तीव्र - अनुराग - विषय-भोग करनेकी अत्यन्त आसक्ति । चउत्थवयस्स इआरे-चौथे व्रतके अतिचारोंको । पडिक्कमे देसिअं सव्वं - पूर्ववत् ०
इत्तो अणुव्वये पंचमम्मि आयरिअमप्पसत्यम्मि । परिमाण - परिच्छेए, इत्थ पमाय -- पसंगेणं ॥ १७ ॥
आचरण किया हो । परिमाण-परिच्छेए
परिमाण
परिच्छेदके विषयमें परिग्रहपरिमाण - व्रत में अतिचार लगे
आयरिअमप्पसत्यम्मि[-अप्रशस्त
ऐसा ।
भावका उदय होनेसे जो कोई | इत्थ पमाय -प्पसंगेणं - पूर्ववत् ०
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