________________ (34) सेठियाजैनग्रन्थमाला नीचे झुका दो, कीड़े निकल जावेंगे / (4) सुदर्शन के पत्तों का रस निचोड़कर और गर्म करके कान में टपकाने से कान का दर्द मिट जाता है / (5) नीम के पत्ते औटाकर उनका बफारा कान में देने से कान का दर्द और कान का घाव अच्छा होता है। (६)अगर कान में जलन होती हो तो 'धीग्वार' का लुगाव(रस)कपड़े में छानकर कान में डालो और उस का गूदा कान पर रख दो, निश्चय ही आराम हो जायगा / (7) आक के पके हुए पत्तों को घी से चुपड़कर आग पर सेको / पीछे उन का रस निचोड़कर कान में टपकाओ, इस नुस्खे से सब तरह के कान के दर्द निःसन्देह अच्छे हो जाते हैं। ___62 साप काटे की दवाएँ- (१)जिसको साप ने काटा हो उसको केले के वृक्ष का पानी जितना पी सके पिलाओ, जितनी बार प्यास लगे उतनी बार यही पानी पिलाओ; इससे उल्टी यश दस्त होगा; यदि उल्टी या दस्त न भी हो तो भी सर्प का जहर अवश्य उतर जाता है। यह नुस्खा आजमाया हुआ है। (2) पांच तोले तेज तमाखू के पत्ते लेकर पाव भर पानी में भिगो दो, जब वह खूब भीग जावे, तब पत्तों को निचोड़ कर फेंक दो और उस पानी को छानकर जिसे सांपने काटा हो, उसे पिला दो, इससे पांच ही मिनट में उल्टी होगी, उसमें सर्प का विष निकल जायगा और एक घंटे में आराम हो जायगा / यदि मुँह बन्द हो और मुँह से पानी न पिला सको तो नाक से पिलाना चाहिए /