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विषय-सूची
१-२६
प्रथम परिच्छेद
मंगलाचरण १, शान्तिनाथ भागवान्को नमस्कार १, सरस्वतीको नमस्कार १, समन्तभद्रादि कवियोंको नमस्कार १, ग्रन्यप्रणयनकी प्रतिज्ञा १, ग्रन्थके स्तोत्रत्वकी सिद्धि २, सज्जन-प्रशंसा और आत्मलघुता २, काव्यका स्वरूप २, कविकी योग्यता ३, काव्यरचनाके हेतु ३, व्युत्पत्तिका स्वरूप ३, अभ्यासका स्वरूप और उदाहरण ४, 'च' अव्ययको व्यवस्था ५, यति च्युति और श्लयउच्चारण व्यवस्था और उदाहरण ५, उपसर्ग विच्छेदको व्यवस्था ५, यति माधुर्यकी व्यवस्था ६, माधुर्यका महत्त्व ६, महाकाव्यके वर्ण्य विषय ६, राजाके वर्णनीय गुण ७, देवी-महिषीके वर्णनीय गुण ७, राजपुरोहितके वर्णनीय गुण ८, राजकुमारके वर्णनीय गुण ८, राजमन्त्रीके वर्णनीय गुण ८, सेनापतिके वर्णनीय गुण ८, देशके वर्णनीय विषय ८, ग्रामके वर्णनीय विषय ९, नगरके वर्णनीय विषय ९, सरोवरके वर्णनीय विषय ९, समुद्र के वर्णनीय विषय ९, नदीके वर्णनीय विषय ९, उद्यानके वर्णनीय विषय १०, पर्वतके वर्णनीय विषय १०, वनके वर्णनीय विषय १०, मन्त्रके अन्तर्गत वर्णनीय १०, दूतके वर्णनीय विषय १०, विजय यात्राके वर्णनीय विषय ११, मृगयाके वर्णनीय विषय ११, घोड़ेके वर्णनीय विषय ११, गजके वर्णनीय विषय ११, वसन्त ऋतुके बर्णनीय विषय ११, ग्रीष्म ऋतुके वर्णनीय विषय ११, वर्षा ऋतुके वर्णनीय विषय १२, शरदऋतुके वर्णनीय विषय १२, हेमन्तके वर्णनीय विषय १२, शिशिर ऋतुके वर्णनीय विषय १२, सूर्यके वर्णनीय विषय १२, चन्द्रमाके वर्णनीय विषय १३, आश्रमके वर्णनीय विषय १३, युद्धके वर्णनीय विषय १३, जन्मकल्याणकके वर्णनीय विषय १३, विवाहके वर्णनीय विषय १३, विरहके वर्णनीय विषय १४, सुरतके वर्णनीय विषय १४, स्वयंवरके वर्णनीय विषय १४, मदिरापानके वर्ण्य विषय १४, पुष्पावचयके वर्ण्य विषय १४, जलक्रीड़ाके वर्ण्य विषय १५, वर्ण्य विषयोंका उपसंहार १५, अन्य आचार्योंके मतानुसार काब्यके वर्ण्य बिषय १५, कवि समयके भेद १५, असत्में सत्वर्णन सम्बन्धी कवि समयका उदाहरण १६, असद् वर्णन रूप कवि समयका अन्य उदाहरण १६, सद्वस्तुओंकी अनुपलब्धिसम्बन्धी कवि समयका उदाहरण १७, नियमेन उल्लेखरूप कवि समयका
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