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अलंकार चिन्तामणिः
"किन्ता निन्द्या विहङ्गेषु पश्चादन्त्याक्षरद्वयम् । दानेन ब्रूहि तिर्यञ्चः किं श्रित्वैष्यन्ति मर्त्यताम् ॥ १०३ ॥ काकतालीयम् । काकता वायसता ।
न्यायं श्रत्वा ।
अन्त्यवर्णद्वययोगे काकतालीयं
माधवस्य प्रिया का स्यादाद्यन्ताक्षरयोः पुनः । योगेन ब्रूहि देवेन्द्राः किमारुह्य चरन्त्यरम् ॥ १०४॥ विमानं । मा । आद्यन्ताक्षरयोगे विमानं । वर्धमानाक्षरजातिः । हीयन्ते वाऽऽदितो मध्यादन्ताद्या वर्णजातयः । यत्रैकद्वित्रिकाद्यास्तद्धीयमानाक्षरं मैतम् ||१०५॥
४
पाण्डवानामरिः कोऽभूद् वसन्ते पिकढौकितः कामिचेतोहरः कः का षष्ठी युष्मदि भूमनि ॥ १०६॥
[ २१०३
पक्षियोंमें निन्द्य क्या है ? इस उत्तरवाचक शब्दके अन्तमें दो वर्ण जोड़ देनेका किस न्यायको आश्रयकर दान देनेसे पक्षी भी मनुष्यको प्राप्त कर लेते हैं ? बतलाइए ।। १०३३॥
उत्तर—काकतालीयम् - पक्षियों में निन्द्य काकता — कौवापन है । इस 'काकता ' के अन्त में दो वर्ण जोड़नेपर:- काकता + लोय = काकतालीय - - अचानक फलकी इच्छाके बिना दान देनेसे पक्षी भी मनुष्यताको प्राप्त कर लेते हैं ।
माधवको प्रियतमा कौन है ? इस उत्तर वाचक शब्द के आदि और अन्त में एकएक वर्ण जोड़ देनेपर क्या हो सकता है, जिसपर आरूढ़ होकर देवता आकाश में विचरण करते हैं ।। १०४३ ॥
उत्तर
- विमानम् । . मा - लक्ष्मी; माधवको प्रियतमा लक्ष्मी है । उत्तरवाचक इस 'मा' शब्द आदि - अन्त में एक-एक वर्ण जोड़नेपर वि + मा + न = विमानपर आरूढ़ होकर देवता लोग आकाशमें विचरण करते हैं ।
हीयमानाक्षर चित्रका लक्षण
जिस रचनाविशेषके आदि, मध्य और अन्त से एक, दो या तीन वर्ण कम होते जायें, उसे हीयमानाक्षर चित्र कहते हैं ॥ १०५३ ॥
उदाहरण
पाण्डवों का शत्रु कौन था ? वसन्तमें कोयलके आगमनसे कामियोंके चित्तका हरण कौन करता है ? युष्मद् शब्दसे पष्ठी विभक्तिके बहुवचनमें कोन रूप बनता है ? १०६३ ।।
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१. कस्य भावः किन्ता । मूलप्रतौ पादभागे । २. वादितो - ख । ३. मतम् इत्यस्य स्थाने खप्रती भवेत् । ४. ढोकतः ख ।
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