Book Title: Alankar Chintamani
Author(s): Ajitsen Mahakavi, Nemichandra Siddhant Chakravarti
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 462
________________ न स्नेहाच्छरणं प्रावृटकाले सविद्युत् वर्चीगृहं विषयिणां यावन्ति जिनचैत्यानि अवनितलगतानां दानं ज्ञानधनाय चन्द्रप्रभं चन्द्रमरीचिगौरं जयति भगवान् पदानामर्थचारुत्व श्रीलीलायतनं जयति जगदीश कवीनां गमकानां च परिशिष्ट ५।१३८ शान्तिभक्ति १ पद्य ५।१४० लघु आचार्य भक्ति ५।२६५ आत्मानुशासन १३३ पद्य ५।२७४ अकृत्रिमचैत्यालय अर्घ ५।२७६ पूजा, अकृत्रिम जिनालय अर्घ ५।२८३ भूपाल जिनचतुर्विंशतिका ६ पद्य ५।२८५ स्वयम्भूस्तोत्र, चन्द्रप्रभस्तुति ५।२९० चैत्यभक्ति ५।२९५ वाग्भट. ३१३ ५।२९६ भूपाल, जिनचतुर्विशतिका १ पद्य ५।३०१ शाकटायन प्रक्रियाका मंगल पद्य ५।३०४ आदि. ११४४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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