Book Title: Alankar Chintamani
Author(s): Ajitsen Mahakavi, Nemichandra Siddhant Chakravarti
Publisher: Bharatiya Gyanpith
________________
परिशिष्ट
W
TOGGC
पृष्ठम् ७५, श्लोकः १४८, मुरजबन्धः ।
रवि
।
पृष्ठम् ६९, श्लोकः १३२, गोमूत्रिकाबन्धः।
स्नात स्वमलगम्भीरं जिनामितगुणार्णवम्
पूतश्रीमज्जगत्सारं जना यात क्षणाच्छिवम्
-
प
-
-
-
-
-
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486