Book Title: Alankar Chintamani
Author(s): Ajitsen Mahakavi, Nemichandra Siddhant Chakravarti
Publisher: Bharatiya Gyanpith

Previous | Next

Page 471
________________ ३७४ अलंकारचिन्तामणि पृष्ठम् ७८, श्लोकः १५२, अनन्तरपादमुरजबन्धः । - तमो ऽनु ममतातोत ममोत्तममतामृत - ततामितमते तात मनातीत मृत मित पृष्ठम् ७८, श्लोकः १५३, षोडशदलपद्मबन्धः। " थाशा | त उला पृष्टम् ७८, श्लोकः १५३, गोमूत्रिकाबन्धः । - - - - त - - - - Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486