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व्रत कथा कोष
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चौर्य महाव्रत व्रतकथा
व्रत विधि :- पहले के समान सब विधि करें । अन्तर केवल इतना है कि आषाढ़ कृष्ण ६ के दिन एकाशन करें ७ के दिन उपवास करें । पूजा आदि पहले के समान करें। तीन दम्पतियों को भोजन करावें । वस्त्र आदि दान करे ।
कथा
पहले जयपुर नगरी में जयसेन राजा अपनी जयावती महारानी के साथ रहता था, उसका पुत्र जयकुमार, जयसुन्दरी और मन्त्री जयपाल, उसकी स्त्री जयश्री, सारा परिवार सुख से रहता था। एक बार उन्होंने जयसागर मुनि से व्रत लिया, उसका यथाविधि पालन किया । सब सुखों को प्राप्त किया । अनुक्रम से मोक्ष गए ।
नोट :-- सत्य महाव्रत की विधि के समान ही इस व्रत की विधि है, अहिंसा व्रत या सत्यव्रत की विधि देखें ।
हिंसा महाव्रत कथा
व्रत विधि :- पहले के समान सर्व विधि करे । अन्तर केवल इतना है कि आषाढ़ कृष्ण ४ के दिन एकाशन करे, ५ के दिन उपवास करे, पूजा श्रादि पहले के समान करे, ८ दम्पतियों को भोजन करावे, वस्तु आदि दान करे ।
कथा
पहले अनन्तपुर नगरी में अनन्तराज राजा श्रनन्त सुन्दरी महारानी के साथ रहता था । उसका पुत्र अनन्त कुमार और उसकी स्त्री अनन्तमती थी ।
अनन्तविजय उसकी स्त्री अनन्तलक्ष्मी, अनन्तकीर्ति पुरोहित, उसकी स्त्री अनन्तगुनी, श्रेष्ठी सारा परिवार सुख से रहता था ।
एक बार उन्होंने अजन्तसेन गुरु से अहिंसा महाव्रत लिया । उसका यथाविधि पालन किया । सर्व सुखों को प्राप्त किया । अनुक्रम से मोक्ष गए ।
प्रयोगकेवली गुणस्थान व्रत कथा
व्रत विधि :- - पहले के समान सब विधि करे । अन्तर केवल इतना है