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कवितकथा कोष
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TAधर्मचक्रवताको pre प्राषाढ, कार्तिक, कोल्गुन की अष्टाम्हका में शुद्ध होकर मन्दिर में जाये, तीन प्रदक्षिणा पूर्वक भगवान को नमस्कार कर,मामूलनायक 4 नन्दीश्वरप्रतिमा का पंचामृताभिषेका कामष्टाम्न्यानाकरोमागाधरकाबुकको पूजा मारे यक्षयक्षि व क्षेत्रपाल को पूजा करेpriFF | TEET IFTET Eि कोय; SIR
ॐ ह्रीं समस्त जिन चैत्य चैत्यालयेभ्यो नमः स्वाहा। ITTEFFER
इस मन्त्र से १० फार पुरुष केकाएर जापाकरे गमोकार मन्त्र का १०८ बार जाप्य करे वृत कश्चा, मंगल सास्ती पूर्वक एका पू चढ़ानी ब्रह्मचर्यपूर्वक यथाशक्ति उपवास करे, सत्पात्रों को दान देने इस प्रकार प्रतिदिन आठ दिनात्तके पूजा विधि करके व्रत करे, एक वर्ष में तीन बार अष्टान्हिका में करे, अन्त में उद्यापन करे, नन्दीश्वर विधान करे। - FIRE IF Fil_yafH FOR E F HP + FHFpp 166RfE_BEDIEP TUJE EIFERTE 5 THIP छिन्य कमार सेठ ने इस व्रत को पालन किया था, उससे "उसको स्वर्गादि.
F1FHTC 1# FIETE FEN 1437 सख मिली
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1 F1SF 1566 5IET LA अथ धन्यकुमार अथवा,धन्यभति व्रत कथा .. BFHIFA विधि :-किसी भी महिने को शुक्ल पक्ष की पंचमी को एकापान,करे ।
व्रत कथा षष्ठी के दिन उपवास करे, सुबह उठकर शुद्ध कपड़े पहनकर अष्ट द्रव्य लेकर मन्दिर करे, पचीमत अभिषेक करें । पार्ट पर छः स्वस्तिक निकालकर उस पर पान व अष्ट.. द्रव्य रखे। पहले भगवान से छठे भगवान तक पूजा स्तोत्र आदि करे। श्रत, गुरु, यक्षयक्षि व ब्रह्मदेवाधिपलिकी पूजी प्रचना कर FIFAIR STRIP FE " 1 F5 F5JT ER KIF YA EH EEEF FF FF115A FER PTFEST
FF जीप': ही प्रह"श्री पद्मप्रभ जिनेन्द्राय कुसमवर मनोवेगा यक्षयक्षी सहिताय नमः स्वाहा ।
क - इस मन्त्री बार फुधा सापकीर, णमोकार मन्त्रको १०८ बार जाप करे । श्री पद्मप्रभु चरित्र व कथा पढ़े। आरती करे। सत्पत्रि को दान दें। दूसरे दिन पूजा व दान कर पारणा करे, तीन दिनमा हाल F IFOF TES
का कथा पढ ।
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