________________
व्रत कथा कोष
[ ३३७
रात्रि भोजन त्याग में चारों प्रकार के भोजन के अलावा दिवामैथुन का भी त्याग करना आवश्यक है । जीवन भर के लिए त्याग करना यम और कुछ मास या दिनों के लिए त्याग देना नियम है ।
भोगोपभोगपरिमाण व्रत में पान, पुष्पमाला, शय्या, आभूषण और वस्त्र आदि का नियम करना पड़ता है कि अमुक रात्रि को अमुक संख्या में भोगोपभोग की वस्तुओं का सेवन करूगा, शेष का त्याग है । इस प्रकार व्रत करना भी नैशिक व्रत कहे गये हैं।
इसमें रात्रि भोजन त्याग व्रत के समान ही पूजा, अभिषेक, मन्त्र जाप्य आदि करे, उद्यापन भी उसी के समान करे, कथा भी वही पड़े।
अथ नीललेश्यानिवारण व्रत कथा विधि :-पहले के समान सब विधि करे । अन्तर केवल इतना है कि चैत्र कृष्णा १२ के दिन एकाशन करे। १३ के दिन उपवास करे । नेमिनाथ भगवान की पूजा, मन्त्र जाप, मांडला आदि करे। नोट :-कृष्णलेश्या के समान सब विधि पूजा करे ।
अथ निश्वासपर्याप्तिनिवारण व्रत कथा व्रत विधि :-पहले के समान करे, अन्तर सिर्फ इतना है कि वैशाख कृ० ६ के दिन एकाशन करे, ७ के दिन उपवास पूजा आराधना व मन्त्र जाप आदि करे । पत्ते मांडे ।
अथ नवबल देव व्रत कथा व्रत विधि :-आश्विन महिने के पहले बुधवार को एकाशन करे । गुरुवार को सुबह शुद्ध कपड़े पहनकर मन्दिर जाये । वहां पर वेदी पर श्री पुष्पदंत्त तीर्थंकर की प्रतिमा यक्षयक्षि सहित स्थापित करे । पंचामृत अभिषेक करे । मादिनाथ भगवान से पुष्पदंत्त भगवान तक पूजा करे । स्तोत्र, जयमाला आदि पढ़ । ब्रह्मदेव, श्रुत, मुरु की पूजा करे।
___ जाप :-"ॐ ह्रीं अहं श्री पुष्पदंत तीर्थकराय ब्रह्मयक्ष महाकाली यक्षी सहिताय नमः।"