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व्रत कथा कोष
(४) दशमिनिमानी व्रत
भादों सुदि दशमी व्रत धार, प्रादरयुत पर धर प्रहार । (५) चमकदशमी व्रत
चमकदशमि और चमकाय, जो भोजन नहिं तो अन्तराय । (६) छहार दशमी व्रत
छहार दशम व्रत हि परकार, छह सुपात्र को देय तमोर । (७) तमोर दशमी व्रत
सम्बोभ दशमि व्रत को यह बोर, दश सुपात्र को देय तमोर । (८) पान दशमी व्रत
पान दशमि बीरा दशपान, दश श्रावक दे भोजन ठान । (६) फूल दशमी व्रत
फूल दशमी दश फूलन माल, दश सुपात्र पहिनाय प्रहार । (१०) फल दशमी व्रत
फल दशमी फल दशकरलेय, दश श्रावक के घर-घर देय । (११) दीप दर्शामि व्रत
दीप दशमि दश दीप बनाय, जिनहिं चढ़ाय आहार कराय । (१२) भाव दशमी व्रत
भाव दशमी व्रत दशपुरी, दश श्रावक दे भोजन करी । न्योन दशमी व्रत
न्योन दशमी दश दशमि कराय, नये-नये दशपात्र जिमाय । उड़ददशमी व्रत
दशमी उडद - २ आहार पंच घरन मिलि जो अविकार ।
बारादशमी व्रत
बारा दशमी सुहारी लेय, बारा २ दशघर देय ।