Book Title: Anuyogdwar Sutram Part 02
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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अनुयोगचन्द्रिका टीका सूत्र १८१ संयोगस्वरूपनिरूपणम् वैदेहकः। अथवा-मागधक्का, मालवकः, सौराष्ट्रकः, महाराष्ट्रीयः, कोकणकः । स एष क्षेत्रसंयोगः । अथ कोऽसौ कालसंयोगः ? कालसंयोग-सुषमसुषमानः, सुषमाजः, सुषमदुस्समाजः, दुस्समसुषमाजा दुस्समाजः दुस्समसुपमाजः। अथवाएरवए, हेमवए, एरण्णवए, हरिवामए, रम्मगवासए, देवकुरुए, उत्तरकुरुए, पुव्वविदेहए, अवरविदेहए) यह भारतीय है, यह ऐरवत क्षेत्रीय है, यह हैमवत क्षेत्रीय है, यह ऐरण्यवत क्षेत्र का है, यह हरिवर्ष क्षेत्र का है, यह रम्यकवर्ष का है, यह देवकुरु को है, यह उत्तरकुरु का है, यह पूर्वनिदेह का है यह अपरविदेह का है । अथवा(मागहए, माल वए, सोरट्टए, मरहट्टए, कुंकणए, से तं खेत्तसंजोगे) यह मागधक है, यह मालवक है, यह सौराष्ट्रक है, यह महाराष्ट्रीय है, यह कौङ्कणक है, इस प्रकार सब पूर्वोक्त जितने भी क्षेत्र के संयोग जन्य नाम हैं, वे सब क्षेत्र संयोगज नाम हैं। (से किं तं कालसंजोगे) भदन्त ! काल के संयोग से जो नाम उत्पन्न होता है, वह कैसा होता है?
उत्तर-(काल संजोगे) काल के संयोग से जो नाम निष्पन्न होता है वह ऐसा होता है-(सुसमसुसमाए, सुसमाए, सुसमदूसमाए, दुसमसुसमाए, दूसमाए, दूसमदूसमाए) यह सुषम सुषमा काल में जन्मा हुआ होने से सुषमसुषमाज है, यह सुषमादुस्समाकाल में जन्मा होने से सुषम दुस्ममाज है । इसी प्रकार से यह दुस्सम सुषमोज है।
एरवर हेमवए, एरण्णवए, हरिवासए, रम्मगवासए, देवकुरुए, उत्तरकुरुए, पुव्वविदेहए, अवरविदेहए) 4. भारतीय छ, मा भैरवत क्षेत्रमा छ, म भक्त ક્ષેત્રના છે, આ ઐરણ્યવત ક્ષેત્રીય છે, આ હરિવર્ષ ક્ષેત્રીય છે, આ રમ્યક વર્ષાય છે, આ દેવકુરુ ક્ષેત્રીય છે આ ઉત્તર કુરુને છે, આ પૂર્વવિદેહને छ । ५५२ विद्वेडने छ मया (मागहए, मालवए, सोरदए, मरहट्ठए, कुंकणए, से त'खेत्तसंजोगे) मा भाग छ, सा भास छ मा सौराष्ट्र छ, આ મહારાષ્ટ્રીય છે, આ કેકણક છે આ પ્રમાણે પૂર્વોક્ત જેટલાં સોગજન્ય नाम छ त स क्षेत्र सयोजनामा छ. (से कि त कालसंजोगे) 3 ભદન્ત ! કાલના સંયોગથી જે નામ ઉત્પન હેાય છે, તે કેવું હોય છે?
उत्तर-(काल संजोगे) सना सयौगयी रे नाम निष्पन्न थाय थे, ते मे डाय छे. (सुस्रमसुसमाए, सुसमाए, सुसमदूसमाए, दूसमसुसमाए, दूसमाए, सुममदूसमाए) । सुषम सुषमा मां मेरा पाथी सुषुमा ४ छे. मा સુષમ દુક્સમામાં જન્મેલ હોવાથી સુષમદુસ્સામાં જ છે. આ પ્રમાણે આ દુસ્લમ સુષમા જ છે. આ દુસમા જ છે આ દુસ્સમાં દુસ્સામાં જ છે. અથવા
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