Book Title: Anandrushi Abhinandan Granth
Author(s): Vijaymuni Shastri, Devendramuni
Publisher: Maharashtra Sthanakwasi Jain Sangh Puna
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श्री रतनमुनि
६५
( ४५ ) आगमों आदर्श में आचार्य श्री का
व्यक्तित्व बिम्ब वाक् संयमी किन्तु कर्मयोगी
आचार्य श्री का अनुपम जीवन धर्म के प्रचार-प्रसार में आचार्य श्री
आनन्द ऋषिजी का योगदान श्रमण संघ के स्वर्ण कंकण की एक
दीप्तिमान मणि जीवन-स्पर्शी प्रवक्ता आचार्य देव श्री आनन्द ऋषि का प्रवचन-विश्लेषण
महासती त्रिशलाकुमारीजी मुनि श्री रोशनलालजी डा० अच्युतानन्द घिल्डियाल
११० ११२
उपाध्याय श्री अमरमुनि
१२४
मुनि श्री नेमिचन्दजी प्रो० श्रीचन्द जैन
१२८
श्री सौभाग्य मुनि 'कुमुद महासती श्री शीलकुमारी श्री जिनेन्द्र मुनि
१२ श्री राजेन्द्र मुनि, शास्त्री मरुधरकेसरी मुनि श्री मिश्रीमलजी ३७ मुनि सुभाषचन्द, जैन सि० विशारद' ५० श्री पुष्कर मुनि
३५
श्रद्धार्चन
कोटि-कोटि अभिनंदन ! धर्म और संस्कृति के सजग प्रहरी
ज्योतिर्मय जीवन तुम सलामत रहो हजार वर्ष
श्री आनन्द अभिनंदन ! श्रद्धार्चन : आचार्य देव के प्रति श्रमणसंघ की वरिष्ठ विभूतिआचार्य श्री आनन्दऋषि जी
अभिनन्दन बेला आई आनन्दमूर्ति : आचार्य श्री आनन्द ऋषि आनन्ददाता: आनन्दऋषि जी
अभिनन्दना अभिनन्दनः एक जागरूक चेतना का
महाराष्ट्र का कोहेनूर आनन्द पंचक : अभिनन्दन अभिनन्दन शत-शत वार
श्रद्धा के दो फूल तुम महान हो !
वंदना आणंद पंचयथुई आनन्द ऋषि भजामि
श्री गणेश मुनि शास्त्री, स्वामी श्री रघुवरदयालजी महासती पुष्पावतीजी श्री मधुकर मुनि डा० नरेन्द्र भानावत महासती सुमतिकंवर जी विद्याविनोदी श्रीसुकनमुनि मुनि महेन्द्रकुमार 'कमल' श्री कस्तूर मुनि मुनि श्री रूपचन्द्रजी 'रजत' महासती यशकंवरजी पं० विद्याभूषण मणित्रिपाठी श्री जिनेश मुनि, विशारद
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