Book Title: Anandrushi Abhinandan Granth
Author(s): Vijaymuni Shastri, Devendramuni
Publisher: Maharashtra Sthanakwasi Jain Sangh Puna
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आचार्य प्रवा आणि आचार्यप्रवर भिक श्राआनन्दमयन्याआड अभिनन्दन
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धर्म और दर्शन
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समचतुरस्त्र चित्र २५
द्विद्वि समचतुरस्र
चित्र २६
द्विसमचतुरस्त्र चित्र २७
त्रिसमचतुरस्र
विषम चतुरस्र चित्र २८
चित्र २६ महावीराचार्य ने वक्ररेखीय आकृतियां निम्नलिखित आठ प्रकार की वर्णित की हैंसमवृत्त, अर्द्धवृत्त, आयतवृत्त (दीर्घवृत्त), कम्बुकावृत्त (शंखाकार क्षेत्र), निम्नावृत्त (अवतलवृत्तीय
क्षेत्र जैसे होमवेदी का अग्निकुंड), उत्तलवृत्तीय क्षेत्र जैसे कछुवे की पीठ), बहिश्चक्रवाल वृत्त और अन्तश्चक्रवाल वृत्त ।
समवृत्त चिच ३०
अर्धवृत्त चित्र ३१
आयतवृत्त चित्र ३२
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कम्बुकावृत (शख के आकार की आकृति)
निम्नावृत्त चित्र ३४
उन्नतावृत्त चित्र ३५
चित्र ३३
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