Book Title: Anandrushi Abhinandan Granth
Author(s): Vijaymuni Shastri, Devendramuni
Publisher: Maharashtra Sthanakwasi Jain Sangh Puna
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धर्म और दर्शन
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वृत्त चित्र १२
परिमण्डल चित्र १३
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त्रिभुज, चतुर्भुज, आयत, वृत्त और दीर्घवृत्त (Ellipse) । इन आकृतियों के लिये उन ग्रन्थों में क्रमशः ये नाम लिखते हैं :-त्रिस्र, चतुस्र, आयत, वृत्त तथा परिमण्डल ।
इन क्षेत्रों के प्रतर और धन-ये दो भेद बताकर 'अनुयोगद्वारसूत्र' में बड़ी सूक्ष्म चर्चा की है । घनत्रियस्र, धनचतुस्र, धनायत, घनवृत्त तथा घनपरिमण्डल का आशय क्रमशः त्रिभुजाकार सुचीस्तम्भ, घन, आयताकार ठोस, गोला और दीर्घवृत्ताकार बेलन से है।
इनकी आकृतियां इस प्रकार हैं
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घनायत
घनत्रियस्र चित्र १४
घनचतुस्र चित्र १५
चित्र १६
घनपरिमण्डल
घनवृत्त चित्र १७
चित्र १८
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