Book Title: Anandrushi Abhinandan Granth
Author(s): Vijaymuni Shastri, Devendramuni
Publisher: Maharashtra Sthanakwasi Jain Sangh Puna
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जैन साहित्य में क्षेत्र-गणित
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विषम चतुष्कोण चित्र ४
समचक्रवाल
चित्र ५
विषम चक्रवाल
चित्र ६
चक्रार्धचक्रवाल
चक्राकार चित्र ७
चित्र ८ प्रो० वेबर ने उपरोक्त नामों की व्याख्या करके उनके नाम क्रमशः इस प्रकार लिखे हैं3वर्ग, विषमकोण समचतुर्भुज, आयत, समान्तर चतुर्भुज, वृत्त, दीर्घवृत्त, अर्धदीर्घवत्त और गोले का खण्ड ।
'भगवती सूत्र' और 'अनुयोगद्वारसूत्र'५ आदि में पांच प्रकार की आकृतियों का उल्लेख किया गया है
त्रिस्र
आयत
चतुझे चित्र १०
चित्र ६
चित्र ११
.......
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आगारप्रवर अभिसापायप्रवर अमन श्रीआनन्द
श्रीआनन्द अन्न
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