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छह पुरुष स्थानक (१)
१.
२.
३.
४.
५.
६.
आठ स्त्री स्थानक (२)
१.
३.
५.
६.
२.
३.
६.
७.
८.
तेईस देशी स्थानक (३)
१.
७.
८.
वैष्णव और उसका विनियोग
समपाद और उसका विभियोग
वंशाख और उसका विनियोग
मण्डल और उसका विनियोग आलोढ़ और उसका विनियोग प्रत्यालीढ़ और उसका विनियोग
९.
१०.
११.
आयत और उसका विनियोग
अवहित्य और उसका विनियोग
अश्वकान्त और उसका विनियोग
गतागत
वलित और उसका विनियोग
मोटित
विनिवतित
प्रोन्नत और उसका विनियोग
समपाद स्वस्तिक
सं
वर्धमान
नन्द्यावर्त
एकपाद
चतुरस्र
पृष्ठोत्तानतल
'पाणिविद
समसूचि
विषमसूचि
श्लोक संख्या
८७९-८८९
८९०-८९१
८९२-८९३
८९४-८९६
८९७-८९९
९००
९०१-९०८
९०९-९११
९१२-९१४
९१५
९१६
९१७
९१८
९१९-९२०
९२१
९२२
९२३
९२४
९२५
९२६
९२७
९२८
९२९
९३०
९३१
पृष्ठ संख्या
२४३-२४५
२४५
२४५-२४६
२४६
२४६-२४७
२४७
२४७-२४८
२४८-२४९
२४९
२५०
२५०
२५०
२५०
२५०-२५१
२५१
२५१
२५१
२५१
२५२
२५२
२५२
२५२
२५२
२५२
२५३
३७