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आकार योनि
१. कूर्मोंन्नता योनि
२. वंशपत्रा योनि
३. शंखावर्ता योनि
गुण योनि
योनि के विभिन्न भेद
१. सचित्
२. अचित्त
३. मिश्र ( सचित्ताचित्त) १. शीत
२. उष्ण
३. शीतोष्ण
१. सवृत २. विवृत
३. संवृत-विवृत
८४ लाख जीवयोनि
पृथ्वीका ७ लाख अप्काय ७ लाख
तेजस्काय ७ लाख वायुकाय ७ लाख
वनस्पतिकाय २४ लाख
द्वीन्द्रिय २ लाख
त्रीन्द्रिय २ लाख चतुरिन्द्रिय २ लाख तिर्यंचपंचेन्द्रिय ४ लाख
नारक ४ लाख देव ४ लाख मनुष्य १४ लाख
१. प्रवचनसारोद्धार, द्वार १५१, गाथा ९७७ - ८१; अभिधान
भाग ३, पृ. ५९७
१
१९७ || लाख कूल कोड़ी (योनियों में जन्म लेने वाले जीवों की
जाति/उपजातियां) 1
पृथ्वीका १२ लाख
अप्काय ७ लाख
तेजस्काय ३ लाख
वायुकाय ७ लाख वनस्पतिकाय २८ लाख
द्वीन्द्रिय ७ लाख
त्रीन्द्रिय ८ लाख चतुरिन्द्रिय ९ लाख तिर्यंचपंचेन्द्रिय ५३ ॥ लाख
नारक २५ लाख देव २६ लाख
मनुष्य १२ लाख
११२ तत्त्वार्थ सूत्र अध्याय २ : सूत्र ३३