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१८८ तत्त्वार्थ सूत्र : अध्याय ४ : सूत्र १३-१६
२ अरब वर्ष पहले हुई थी । किन्तु अभी ७० के दशक में दक्षिणी ध्रुव पर उत्खनन से जो दीर्घकाय जानवरों के जीवाश्म तथा अस्थिपिंजर (Fossils of dionasores) प्राप्त हुए हैं और जब कार्बन डेंटिंग प्रणाली द्वारा उन अस्थिरपिंजरों की काल गणना की गई तो उनमें से अनेक निचली पर्तों से निकले हुए लगभग ५ अरब वर्ष पुराने निकले । इस पर वैज्ञानिकों ने पृथ्वी की उत्पत्ति दस अरब वर्ष पूर्व कहना शुरू कर दिया और कुछ वैज्ञानिक तो 'अरबों-खरबों वर्ष पूर्व' कहने लगे है ।
इस प्रकार यह स्पष्ट है कि अभी वैज्ञानिक इस बात पर निश्चित नहीं है कि पृथ्वी की उत्पत्ति कब, किस प्रकार और कितने वर्ष पूर्व हुई । पृथ्वीमण्डल
अब आधुनिक वैज्ञानिक मतानुसार पृथ्वीमण्डल की संक्षिप्त जानकारी कर लें ।
आधुनिक मान्यता के अनुसार, जिस पृथ्वी पर मानव जाति निवास करती है, वह मिट्टी - पत्थर का नारंगी के आकार का एक गोला है । इसका व्यास लगभग ८००० मील और परिधि लगभग २५००० मील है । पृथ्वी के चारो ओर वायुमण्डल है, जो शुरू में सघन है और आगे विरल होता गया है । यह वायुमण्डल पृथ्वी के चारों ओर ४०० मील तक फैला हुआ है । पृथ्वी का उच्चतम पर्वत शिखर हिमालय का माउन्ट एवरेस्ट है जो लगभग ३० हजार फीट ( ५१/२ मील) ऊँचा है और सागर ( प्रशांत महासागर) की गहराई सर्वाधिक ३५,४०० फीट (लगभग ६ मील) है ।
पृथ्वी तल पर २९% थल ( सूखी जमीन, मिट्टी पत्थर आदि) है और ७१% जल है । यह एक विचित्र विशेषता है कि जल के नीचे जल है और स्थल के नीचे स्थल है । ( ग्लोब में यह स्थिति स्पष्टतः दर्शायी जाती है ।) इसमें सात महाद्वीप और छह महासागर हैं । इनमें से एशिया महाद्वीप के दक्षिण में भारतवर्ष हैं ।
चन्द्रमा सम्बन्धी जानकारी
आधुनिक वैज्ञानिकों ने लगभग १२ बार चन्द्रमा- प्रयाण किया है । और प्राप्त जानकारी के अनुसार निम्न तथ्य प्रसारित किया हैं । चन्द्रमा की पृथ्वी से दूरी = ३८११७१ किलोमीटर चन्द्रमा का व्यास = २१६० मील या ३४५६ किलोमीटर ( पृथ्वी के व्यास का चतुर्थ भाग )
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