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चार अवलम्बन -
पाचना
चार अवलम्बन -
क्षमा मार्दव
आर्जव
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प्रच्छना परिवर्तना धर्मकथा चार अनुप्रेक्षाएकत्व अनुप्रेक्षा अनित्य " अंशरण " संसार
मुक्ति चार अनुप्रेक्षा
अनन्तवर्तित अनुप्रेक्षा विपरिणामानुप्रेक्षा अशुभानुप्रेक्षा अपायानुप्रेक्षा
संवर तथा निर्जरा
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