Book Title: Tattvartha Sutra
Author(s): Kevalmuni, Shreechand Surana
Publisher: Kamla Sadhanodaya Trust

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Page 477
________________ Jain Education International चार अवलम्बन - पाचना चार अवलम्बन - क्षमा मार्दव आर्जव For Personal & Private Use Only प्रच्छना परिवर्तना धर्मकथा चार अनुप्रेक्षाएकत्व अनुप्रेक्षा अनित्य " अंशरण " संसार मुक्ति चार अनुप्रेक्षा अनन्तवर्तित अनुप्रेक्षा विपरिणामानुप्रेक्षा अशुभानुप्रेक्षा अपायानुप्रेक्षा संवर तथा निर्जरा ४५३ www.jainelibrary.org

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