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( २८ ) कोप्टक नं. १
चौतीस स्थान दर्शन
मिथ्यात्व गुरण स्थान में
का भंग हो० न०१६-१--
को नं०१८ मा (२) नियंगति में
भंगपंग है-२-१-६ भंग को००१ देखो कोनाचा
i को नं. १७ देवी १० वेद
१ भंग
बंद नपुंसक बंद, स्त्री वेद (1) नरक गति में
को० नं. १६ देको कोनं० १६ देवी (1) नरक गति में न०१६ या कोनं १ देखो पुरुष वेद ये ३ जागना १ नमक बेद जानना
|" नामक वेद जानना की नं. १६ देखो
| कोः नं०१६ मा ' (२) निर्यच गति में भग वेद तिरंच गनिमें
१ भंग
दद ३-१--२ के भंग को.नं. १७ देखा कोन०१७ देला ३-1-के भंग को० न०१७ देखा को नं. १७ देखो को नं०१७ देखो
| कोनं०१७ दलो (३) मनुष्य गति में
सारे भंग । १वेद (2) मनुष्य गति में । गारे भंग १ वेद ३-२ केभंग
को नं०१८ देखो को न देवा -के भंग को नं०१८ देषो कोनं० १८ देन्त्री को १८ देखो
| को नं०१८ देखो (४) देव गति में
सारे भंग वेद (४) दत्र गति में
सारे भंग
वेद -के भंग को० नं १६ दवा को नं: १८ देखो २-१ भंग
को न०१६ इन्त्री कोन १६ देखो को नं. १६ देखो
को २०१५ देखो ११ कषाय
मार भंग १ भंग
२५
सारे भंग भंग अनन्तानुबन्धी कषाय । (१) नरक गति में
! --- के भंग --हफे भंगों () नरक गनिम -:- के भर --- के ४.अप्रत्याख्यान क४२३ भंग
को नं१८ देना में गे कोई : भंग २३ का भंगको नं०१८ देखी भगी में से कोई प्रत्यास्यान कषाय ४, को० न० १६ देखो ।
की नं. १६ देखो
१ भंग संज्वलन कषाय ४, (२) तिर्यच गनि में
(२) तियन गति में मार भग नोकपाय थे २५ २५-२३-२५-२४ के भंग ,
२५-२:-२५-२४ के भंग 5-5-- के भंग कवाय जानना को० नं०१७ देखो :
को० नं० १७ देखो (३) मनृत्य गति में
सारे मंग १ भंग (३) मनुष्य गति में सारे भंग १ भंग २५-२४ के मंग
-७-८-६ के भं6-७-८- २५-२४ के मंग 3-2-6 के भंग | 5-3-८ के को० नं. १ देखो को नं. १८ देतो मंगों में से कोई . का. नं०१८ देखो को नं. १८ देखो भंगों में से कोई
१ मंग