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अनुपल
अनुमरण अनुपल-संज्ञा, पु० (सं० ) पल का पाठवाँ भानुभव--संज्ञा, पु० (सं० ) साक्षात करने भाग, काल, सेकेंड, क्षण।।
से प्राप्त ज्ञान, परीक्षा से प्राप्त ज्ञान, तजरबा, अनुपलब्ध-वि० ( सं० ) अप्राप्त, जो न | यथार्थज्ञान, उपलब्धि, अनुमान, बोध, मिल सके।
समझ, ज्ञान । अनुपस्थित -वि. ( सं० ) अविद्यमान, अनुभवना*-स० कि० (सं० अनुभव )
गैरहाज़िर, जो सामने मौजूद न हो। अनुभव करना. " पुन्यफल अनुभवत सुतहिं अनुपस्थिति- संज्ञा, स्त्री. ( सं० ) अविद्य- बिलोकि कै नन्द-घरनि" सूर० । मानता, गैरहाज़िरी।
अनुभवति-वि० (सं० ) अनुभव किया अनुपात-संज्ञा, पु. (सं० ) गणित की हुश्रा, " उर-अनुभवति न कहि सक कोऊ" त्रैराशिक क्रिया, सम, समान, समता-भाव,
रामा० । समानता के साथ गिरना, बराबर सम्बन्ध, अनुभधी--वि० ( सं० ) अनुभव रखने समानुपात-संज्ञा, पु० (सं० )। वाला, तजरबेकार, जानकार। अनुपानक-संज्ञा, पु. ( सं० ) ब्रह्महत्या अनुभाव-संज्ञा, पु. ( सं० ) महिमा, के समान पाप, महापातक, बड़े पापों के | बड़ाई, दृढ़ अनुमान, निश्चय, भाव सूचक, बराबर पाप, वि० अनुपातकी-महापापी। प्रभाव, काव्य में रस के चार योजकों में से अनुपान-संज्ञा, पु. (सं० ) औषधि के
एक, चित्त के भाव-भावनाओं को प्रगट साथ या उसके ऊपर से खायी जाने वाली
करने वाले चिन्ह या लक्षण, जैसे कटाक्ष, वस्तु, पथ्य ।
रोमांच आदि यांगिक या शारीरिक क्रियायें
या चेष्टाय । अनुपाय---वि० (सं० ) उपाय-हीन, निरवलंब, निराश्रय, निरुपाय । संज्ञा, स्त्री० अनुभावी-वि० ( सं० अनुभाविन् ) अनुपायता।
अनुभव युक्त, समवेदना-सहित, स्वयमेव अनुप्राशन-संज्ञा, पु. ( सं० ) खाने का
सब बातों का देखने सुनने वाला साक्षी, कार्य, खाना, क्रि० सं०-भक्षण करना,
चश्मदीद गवाह, स्त्री० अनुभाविनी । खाना, भोजन करना, वि० अनुप्राशित
धनुभूत-वि. ( सं०) जिसका अनुभव खाया हुअा, भोजन किया हुआ।
या सानात ज्ञान हो चुका हो, तजरबा अनुप्राम-संज्ञा, पु० (सं० ) वह शब्दा
की हुई परीक्षित, निश्चित, बीती ज्ञात । लंकार जिसमें किसी पद का एक ही अक्षर |
| पानभूति -- संज्ञा, स्त्री. ( सं० ) अनुभव, बराबर पाता है, वणवृत्ति, वर्णमैत्री. परिज्ञान, बोध । पद-मैत्री, यमक, पदविन्यास, मित्राक्षर- अनुमत वि० (सं०) सम्मत, स्वीकृत, योजना, इसमें स्वरसाम्य हो या न हो | अंगीकृत, सहमत, अंगेजा ( दे०)। केवल वर्ण-समानता ही मुख्य है, इसके | अनुमति-संज्ञा, स्त्री. ( सं० ) श्राज्ञा, भेद है :- छेक, वृत्यनुप्राप, श्रुत्यनुप्रास, हुक्म, सम्मति, राय, अनुज्ञा, कलाहीन, लाट, अंत्यानुप्रास, वर्ण-साम्य ।।
चन्द्रयुक्त पूर्णिमा। अनुबंध-संज्ञा, पु० (सं० ) बंधन, लगाव, भानुमती-- वि. स्त्री० (सं० ) सहमता, भागा-पीछा, प्रारंभ. मित्र, सुहृद, विन वर, अनुगामिनी। सम्बन्ध, अनुवर्तन, शिशुप्रकृतिका, मुख्यानु- अनुमरण-संज्ञा, पु० (सं०) एक साथ यायी, लेश।
मरना, सहमरण, पश्चातमरण, सती होना।
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